अनदेखी के चलते हाईवे बस अड्डा बना बीमारियों का अड्डा
राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित हाइवे बस अड्डा प्रशासन की अनदेखी का शिकार हो रहा है। बस अड्डा तालाब में परिवर्तित हो गया है। दूसरी ओर अड्डा परिसर में पसरी अनियमितताएं सरकार व प्रशासन के दावों की पोल खोलती नजर आ रही हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के औचक निरीक्षण के बाद भी हाइवे बस अड्डे की स्थिति में सुधार आना तो दूर की बात बस अड्डे की हालत पहले से भी बदतर हो चली है।
संवाद सहयोगी, पिपली : राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित हाइवे बस अड्डा प्रशासन की अनदेखी का शिकार हो रहा है। बस अड्डा तालाब में परिवर्तित हो गया है। दूसरी ओर अड्डा परिसर में पसरी अनियमितताएं सरकार व प्रशासन के दावों की पोल खोलती नजर आ रही हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के औचक निरीक्षण के बाद भी हाइवे बस अड्डे की स्थिति में सुधार आना तो दूर की बात बस अड्डे की हालत पहले से भी बदतर हो चली है। आलम ये है कि बस अड्डा परिसर में खड़ा पानी बीमारियां परोस रहा है। वहीं बस अड्डे में फैली अनियमितताओं को लेकर यात्री यहां आने से कतराने लगे हैं। बस अड्डे के अंदर पूर्व में चल रही कैंटीन का बंद होना भी बस अड्डे की बदहाली का मुख्य कारण माना जा रहा है। परिवहन विभाग के अधिकारी बस अड्डे पर पसरी समस्याओं से अनभिज्ञ हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया था बस अड्डे का औचक निरीक्षण
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पैराकीट के स्वर्ण जयंती हाल में तकरीबन दो वर्ष पहले जनता दरबार में लोगों की समस्याएं सुनने के बाद पिपली बस अड्डे का औचक निरीक्षण किया था। मुख्यमंत्री किसी भी अधिकारी को बिना बताए सीधे हाईवे बस अड्डे पर पहुंच गए थे। मुख्यमंत्री ने बस अड्डे पर पसरी समस्याओं को लेकर रोडवेज डिपो के तत्कालीन जीएम को फटकार लगाई थी। इसके साथ साथ मुख्यमंत्री ने बस अड्डे को नए रूप में परिवर्तित करने के भी आदेश दिए थे, लेकिन ये आदेश भी अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रख रहे। बस अड्डे को अंतरराज्यीय बस अड्डा बनाने की मुहिम भी तोड़ रही दम
प्रदेश सरकार ने हाइवे बस अड्डे के स्थान पर आधुनिक अंतरराज्यीय बस अड्डा बनाने का निर्णय लिया था। इस दिशा में परिवहन विभाग ने बस अड्डा बनाने के लिए हरियाणा वेयर हाउसिग से जमीन की एक्सचेंज का एग्रीमेंट भी किया था। जिसके बाद जमीन की अदला बदली हो गई थी। आधुनिक बस अंतरराज्यीय बस अड्डे की प्रस्तावित ड्राइंग की स्वीकृति भी विभाग के चीफ इंजीनियर से स्वीकृत हो चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद भी आज तक बस अड्डा बनाने की दिशा में आगे कार्य नहीं बढ़ पाया। जिसे लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।