बॉ¨क्सग में हरियाणा के पहले ओलंपियन संदीप ने की नौकरी की मांग
संवाद सहयोगी, शाहाबाद : बॉ¨क्सग में हरियाणा के पहले ओलंपियन संदीप गोलन ने हरियाणा में प्रथम श्रेणी में नौकरी दिए जाने की मांग की है।
संवाद सहयोगी, शाहाबाद : बॉ¨क्सग में हरियाणा के पहले ओलंपियन संदीप गोलन ने हरियाणा में प्रथम श्रेणी में नौकरी दिए जाने की मांग की है। वे शनिवार को शाहाबाद में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 1992 के समय खिलाड़ियों को सुविधाएं नहीं मिलती थी, जिस कारण ओलंपिक में शिरकत करने के बावजूद भी खिलाड़ी इतिहास के पन्नों में छिप कर रह गए। गोलन ने बताया कि वह बॉ¨क्सग के खिलाड़ी रहे हैं और उन्होंने 1992 में ओलंपिक खेलों में भाग लिया था। खेलों में उत्कृष्ट उपलब्धियों के बदौलत तत्कालीन हरियाणा सरकार की ओर से उन्हें भीम अवार्ड से भी नवाजा गया, लेकिन इस अवार्ड को लेकर किसी तरह की सुविधा उन्हें प्रदान नहीं की गई। रेलवे में कार्यरत संदीप ने कहा कि हरियाणा सरकार को चाहिए कि उस समय के भीम व अर्जुन पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों को विशेष सुविधाएं देते हुए उन्हें प्रदेश में प्रथम श्रेणी में नौकरी दी जाए।
गोलन ने कहा कि ओलंपिक में भाग लेने के अलावा उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर, क्यूबा में गोल्ड और पांच बार नेशनल चैंपियन रहे हैं। आज के समय में खेलों के प्रति युवा पीढ़ी की कम हो रही रूचि पर ¨चता व्यक्त की। गोलन ने कहा कि आज के समय में बड़ा परिवर्तन आया है और आज के युवा खेल के मैदानों की बजाए मोबाइल व इंटरनेट से जुड़ गए हैं, जोकि ¨चतनीय है।
उन्होंने कहा कि भारत सबसे ज्यादा युवा देश है, लेकिन इस युवा शक्ति को संभालने की आवश्यकता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज अधिक से अधिक खेल अकादमियां स्थापित किए जाने की आवश्यकता है और शुरू से ही खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने पड़ेगा। ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ी भी होते हैं, जो आर्थिक रूप से पिछड़ जाते हैं। इसलिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि जरूरतमंद खिलाड़ियों को आगे लाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्राइमरी से ही बच्चों की रूचि खेल के प्रति देखनी चाहिए, जिस खेल में जो फिट बैठे उसे उसी खेल में आगे लाना चाहिए।