दूसरों को बांटे खुशियां, होगा खूबसूरत एहसास: डॉ. गिल
संवाद सहयोगी शाहाबाद आजकल के समय में सबसे मुश्किल काम खुश रहना है। हर कोई व्यक्ति किसी ना किसी बात पर उदास या दुखी रहता है लेकिन जिदगी को पूरी तरह खुल के जीने के लिए आपको हर हालात में खुश रहना चाहिए।
संवाद सहयोगी, शाहाबाद: आजकल के समय में सबसे मुश्किल काम खुश रहना है। हर कोई व्यक्ति किसी ना किसी बात पर उदास या दुखी रहता है, लेकिन जिदगी को पूरी तरह खुल के जीने के लिए आपको हर हालात में खुश रहना चाहिए। जिदगी को पूरी तरह खुल के जीने के टिप्स देने के लिए आदेश मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल मोहड़ी में अंतरराष्ट्रीय खुशहाली दिवस (वर्ल्ड हैप्पीनेस डे) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ चेयरमेन डॉ.एचएस गिल, कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ. बच्चन लाल भारद्वाज, संस्थान के मेडिकल अध्यक्ष डॉ. दलबीर सिंह, ब्रिगेडियर डॉ.अमरजीत सिंह, सहायक मेडिकल अध्यक्ष डॉ.नरेश ज्योति, महाप्रबंधक हरी ओम गुप्ता, एचओडी फॉरेंसिक मेडिसन डॉ. एसएस ओबरॉय द्वारा दीप प्रज्जवलित करके किया गया।
चेयरमेन डॉ.गिल ने कहा कि एक मुस्कान बड़े से बड़े गुस्से को भी शांत कर देती है। इसीलिए जिससे भी और जैसी भी बात करें मुस्कुराकर करें। ऐसा करने से आपके आसपास कभी भी डिप्रेशन करने वाला माहौल नहीं बन पाएगा, जिससे आप किसी भी हालात में खुद को खुशी दे पाएंगे।
कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ.बच्चन लाल भारद्वाज ने आह्वान करते हुए कहा कि हमें दूसरों के मुकाबले सांसारिक वस्तुओं को प्राप्त करने की होड़ में नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपने अंदर संवेदनशीलता, दूसरों की भलाई, सहनशीलता जैसी भावनाओं को उत्पन्न करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम खुश रहेंगे तभी दूसरों को भी खुशी देंगे।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता इंडियन इंस्टीट्यूट योगा एंड मैनेजमेंट मुरथल से आए डॉ.नरेश ज्योति ने बाहर की खुशी को हटाकर अंदर की असली खुशी को कैसे प्राप्त करें, इसके लिए एक ध्यान का प्रयोग करवाया। उन्होंने एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार खुश रहने की सूची में सबसे पहला नाम फिनलैंड का आता है। जबकि सर्वाधिक खुशहाल देशों की वैश्विक सूची में भारत 133वें पायदान पर पाया गया है, जबकि आतंकवाद से त्रस्त पाकिस्तान और गरीबी से जूझ रहे नेपाल इस सूचकांक में भारत से बेहतर स्थिति में हैं। भारत पिछले साल के 122वें स्थान से खिसक कर 133वें पायदान पर आ गया है। जो कि चिता का विषय है।