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अब सभी 14 विषयों में श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में हो सकेगी एमडी

कुरुक्षेत्र। आयुर्वेद के 14 विषयों में एमडी करने की तैयारी कर रहे प्रदेशभर के विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 07:45 AM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 05:06 AM (IST)
अब सभी 14 विषयों में श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में हो सकेगी एमडी
अब सभी 14 विषयों में श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में हो सकेगी एमडी

विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र : आयुर्वेद के 14 विषयों में एमडी करने की तैयारी कर रहे प्रदेशभर के विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय को अब सभी 14 विषयों में एमडी कराने की स्वीकृति मिल गई है। सरकार ने बुधवार सायं पांच बजे नौ विषयों में एनओसी देकर एमडी की मंजूरी दे दी। जबकि इससे पहले इसी साल सरकार ने पांच विषयों में एमडी की मंजूरी दे दी थी, जिनकी कक्षाएं शुरू भी हो चुकी हैं। ऐसे में बीएएमएस करके एमडी की तैयारी करने वाले आयुर्वेद के चिकित्सकों के लिए यह बड़ा तोहफा होगा। विवि प्रशासन इसी साल एमडी में दाखिले लेने के लिए भी जोर लगा रहा है।

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गौरतलब है कि श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के पहले वीसी डा. बलदेव ने पदभार संभालते ही आयुर्वेद के विद्यार्थियों को प्रदेश में एमडी कराने की सौगात देने का आश्वासन दिया था। इससे पहले प्रदेश के विद्यार्थियों को एमडी करने के लिए दूसरे राज्यों की ओर मुंह ताकना पड़ता था। कई विद्यार्थी इसलिए एमडी करने के सपने को सपना मान कर भूल जाते थे क्योंकि इसके लिए उन्हें दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था। छात्राओं के लिए ज्यादा मुश्किल थी। मगर विवि बनने के बाद प्रदेश के आयुर्वेद विद्यार्थियों को यह बड़ा तोहफा मिला है।

इससे पहले इनमें मिल चुकी एमडी

शरीर रचना, शरीर क्रिया, शल्य तंत्र, पंचकर्मा व बाल रोग विभाग में पीजी के लिए छह-छह सीटों पर इसी वर्ष दाखिले हो चुके हैं। जिनकी परीक्षाएं एक से शुरू होने जा रही हैं।

अब इनमें मिली एमडी

काया चिकित्सा में पांच, स्त्री एवं प्रसूति में पांच, शालाक्या में पांच, अगद तंत्र में दो, द्रव्य गुण में पांच, स्वस्थवृत्ता में पांच, रोग निदान में पांच, रस शास्त्र में पांच और मौलिक सिद्धांत में पांच सीट की स्वीकृति मिल गई है। बुधवार देर सायं को सरकार की ओर से एनओसी मिल गई। नौ विषयों में भी एमडी की एनओसी मिली : डा. बलदेव

श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय वीसी डा. बलदेव धीमान ने कहा कि वैसे तो आयुर्वेद पद्धति हजारों साल पुराना है। मगर कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने आयुर्वेदिक के चमत्कार को एक बार फिर करीब से देखा है। प्रदेश में बड़ी तादाद में आयुर्वेद विषयों के विशेषज्ञ बनाकर समाज को दिए जा सकें इसके लिए लगातार प्रयास जारी था। पांच विषयों में एमडी मिलने के बाद बाकी नौ विषयों में भी एमडी की एनओसी मिल गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के आयुर्वेद के विद्यार्थियों को बड़ी सौगात दी है।


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