श्रीकृष्ण-अर्जुन रथनुमान इस्कॉन मंदिर में इटली से आई गीता, घोड़े अब चीन के बजाय इंडोनेशिया से आएंगे
35 फुट ऊंचे घोड़ों के साथ-साथ 800 किलो वजनी श्रीमद्भगवद् गीता भी ज्योतिसर के नजदीक निर्माणाधीन रथनुमा श्रीकृष्ण-अर्जुन मंदिर स्थापित होंगी।
जेएनएन, कुरुक्षेत्र। गीता ज्ञान के लिए विश्व प्रसिद्ध धर्मनगरी यहां अलग ढांचों और वास्तुकला पर आधारित बन रहे मंदिरों के लिए भी अब देश व दुनिया में जानी जा रही है। इस्कॉन का ज्योतिसर के नजदीक निर्माणाधीन रथनुमा श्रीकृष्ण-अर्जुन मंदिर जहां अपनी अलग वास्तुकला के लिए प्रसिद्धि प्राप्त कर रहा है। वहीं इसमें इटली के मिलान शहर से आने वाली 800 किलो वजनी श्रीमद्भगवद् गीता और इंडोनेशिया से आने वाले 34 फुट ऊंचे घोड़े भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था के साथ-साथ आकर्षण का केंद्र होंगे।
नौ फीट लंबी, 6 फीट चौड़ी और 10 फीट ऊंची विशेष धातुओं से बनी गीता देश में आ चुकी है। वहीं रथनुमा मंदिर में एक विशेष पत्थर के घोड़े अब चीन के बजाय इंडोनेशिया से आएंगे। भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद को देखते हुए पूर्व निर्धारित इस प्रोजेक्ट में बदलाव लाया जा रहा है। हालांकि इस पर अभी इस्कॉन संस्था के पदाधिकारियों का आखिरी फैसला आना बाकी है। मगर 200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनकर तैयार हो रहे इस मंदिर का निर्माण कार्य 80 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है।
इटली से आई गीता पर करीब दो लाख 20 हजार डॉलर यानी करीब 1.5 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इस्कॉन के संस्थापक स्वामी प्रभुपाद की ओर से गीता प्रचार के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह पुस्तक प्रकाशित कराई गई थी। यहां रथनुमा मंदिर में लगाने के लिए के लिए चीन से चार करोड़ से घोड़े तैयार करवाए जाने थे। मगर भारत और चीन विवाद के चलते अब इस्कॉन इन घोड़ों को बनाने के लिए इंडोनेशिया बात कर रहा है।
अभी अंतिम निर्णय लेना बाकी : साक्षी गोपाल दास
इस्कॉन कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष साक्षी गोपाल दास के मुताबिक मंदिर बनने के बाद सबसे बड़ी गीता को यहीं स्थायी तौर पर स्थापित किया जाएगा जबकि अभी इसे दिल्ली में ही रखा गया है। घोड़े चीन की बजाय इंडोनेशिया से बनवाने की चर्चा चल रही है। जिस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा।