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लड़कियां कसती थीं ताने-आंटी दौड़ रही है, कमलेश अखाड़े में उतरीं तो जीत लिए 70 मेडल

कुरुक्षेत्र की महिला पुलिसकर्मी कमलेश ने अपने जज्‍बे और हौसले से तानों का जबर्दस्‍त जवाब दिया और दूसरों के लिए मिसाल बन गईं। वह अखाड़े में उतरीं और अब तक 70 पदक जीत चुकी हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 09:22 AM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 11:10 AM (IST)
लड़कियां कसती थीं ताने-आंटी दौड़ रही है, कमलेश अखाड़े में उतरीं तो जीत लिए 70 मेडल
लड़कियां कसती थीं ताने-आंटी दौड़ रही है, कमलेश अखाड़े में उतरीं तो जीत लिए 70 मेडल

कुरुक्षेत्र, [सतविंद्र सिंह]। यह हौसला और जज्‍बे की यह कहानी है महिला पुलिसकर्मी कमलेश की। कुश्ती का शौक उनका जूनू बन गया था और इसके लिए उन्‍होंने हर बाधा पार की। वह खुद को फिट रखने के लिए स्कूल के मैदान में दौड़ लगाती थीं तो लड़कियां उनका मजाक उड़ाती थीं। कमलेश को दौड़ लगाते देखकर वह ताने मारतीं-देखो आंटी दौड़ रही है। इसके बाद घुटने में चोट लग गई। डॉक्टरों ने कुश्ती छोड़ परिवार संभालने की सलाह दी। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी। खुद को न केवल इस हालात से निकाला, बल्कि ताने देने वालों के लिए प्रेरणा बन गईं। कमलेश ने अब तक कुश्‍ती में भारत केसरी और भारत कुमारी खिताब सहित 70 पदक जीत चुकी हैं।

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कुरुक्षेत्र पुलिस में तैनात एसआइ कमलेश के नाम हैं भारत केसरी व भारत कुमारी खिताब

कमेलश कुरुक्षेत्र जिला पुलिस में एसआइ के पद पर तैनात हैं। वह आज महिलाओं खिलाडिय़ों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। उन्होंने अब तक 70 मेडल अपने नाम किए हैं। पानीपत के गांव पट्टीकल्याणा की एसआइ कमलेश बताती हैं कि 10वीं पास करते ही शादी कर दी गई। तीन साल घर का कामकाज संभाला। इसके बाद परिजनों से आगे की पढ़ाई की इच्छा जताई। उनके पति इसके लिए तैयार हो गए।

बहू बताकर अखाड़े से  निकलवाया तो दिल्ली में सीखी कुश्ती

कमलेश बताती हैैं कि उनका सोनीपत के सर छोटूराम स्कूल में दाखिला करा दिया। उन्होंने इसके साथ कुश्ती में दमखम दिखाना शुरू कर दिया। पंचायती खेलों में उन्होंने कबड्डी भी खेली। इस दौरान उनके पति के भांजे हिमाचल ने उन्हें कुश्ती खेलने की सलाह दी। उन्होंने सोनीपत में रघुबीर अखाड़े में जाना शुरू किया। वहां से महिलाओं ने बहू अब कुश्ती लड़ेगी कहकर निकलवा दिया।

वह बताती हैं कि इसके बाद उन्‍होने दिल्ली में चंदगीराम के अखाड़े में कुश्ती सीखनी शुरू की। इसके बाद अखाड़े में ऐसी लड़ीं कि 70 मेडल जीत लिए। लोगों के तंज का उन्होंने मेडल से जवाब दिया। 2001 में कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतकर अपने दमखम का परिचय दिया। 2004 से 2014 के बीच उन्‍होंने कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते।

कमलेश के नाम हैं ये पदक

कमलेश के नाम कुश्ती में 60 किलोग्राम भारवर्ग से ऊपर चंबल केसरी, भारत केसरी, भीम केसरी तथा 60 किलोग्राम भार वर्ग से नीचे में पांच बार भारत केसरी का अवार्ड है। इसके अलावा में दिल्ली में आयोजित महारानी लक्ष्मीबाई झांसी कुश्ती में महारानी लक्ष्मीबाई का खिताब भी हासिल किया है। उनके नाम राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय 70 पदक हैं।

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