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ठगी के अलग-अलग मामलों में चार हुए शिकार

ठग ठगी करने के नए-नए तरीके अख्तियार कर रहे हैं। जिसमें फंसकर लोग आए दिन लाखों रुपये की ठगी का शिकार हो रहे हैं। आधुनिक तकनीक ठगी का सबसे बड़ा हथियार बनकर सामने आ रहा है। लोगों को बेवकूफ बनाकर उनकी सारी जानकारी हासिल कर ली जाती है और मिनटों के अंदर ही खाते को साफ कर दिया जाता है। लोग भी इनकी बातों में आकर अपनी निजी जानकारी शेयर कर लेते हैं। जिसका नतीजा ठगी के रूप में सामने आता है। हालांकि बहुत से मामले ऐसे भी हैं जहां सतर्क रह कर ठगी से बचा जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 08:30 AM (IST)
ठगी के अलग-अलग मामलों में चार हुए शिकार
ठगी के अलग-अलग मामलों में चार हुए शिकार

- शेयर मार्केट में पैसे लगाने के नाम पर सात लाख, नौकरी लगवाने के नाम पर दो लाख, एटीएम के जरिये एक लाख 20 हजार व ब्लॉक क्रेडिट कार्ड को खुलवाने के नाम पर 45 हजार की ठगी जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ठग ठगी करने के नए-नए तरीके अख्तियार कर रहे हैं। जिसमें फंसकर लोग आए दिन लाखों रुपये की ठगी का शिकार हो रहे हैं। आधुनिक तकनीक ठगी का सबसे बड़ा हथियार बनकर सामने आ रहा है। लोगों को बेवकूफ बनाकर उनकी सारी जानकारी हासिल कर ली जाती है और मिनटों के अंदर ही खाते को साफ कर दिया जाता है। लोग भी इनकी बातों में आकर अपनी निजी जानकारी शेयर कर लेते हैं। जिसका नतीजा ठगी के रूप में सामने आता है। हालांकि बहुत से मामले ऐसे भी हैं जहां सतर्क रह कर ठगी से बचा जा सकता है।

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पुलिस ने ठगी के ऐसे ही चार मामले दर्ज किए हैं। इन मामलों में शेयर मार्केट में पैसे लगाने के नाम पर सात लाख, नौकरी लगवाने के नाम दो लाख, एटीएम के जरिए एक लाख 20 हजार व ब्लाक क्रेडिट कार्ड को खुलवाने के नाम पर 45 हजार की ठगी हुई। पहला मामला : शेयर मार्केट में मुनाफा कमाने का झांसा देकर ठगे सात कैथल के ढांड निवासी गगन पवार ने थाना सदर में शिकायत दर्ज कराई कि सेक्टर दो निवासी योगेश बिश्नोई ने मार्च 2017 में उसे बताया था कि वह शेयर मार्केट का काम करता है। अगर वह शेयर में पैसा लगाएगा तो उसे बहुत ही लाभ होगा। शिकायतकर्ता आरोपित के झांसे में आ गया। 22 मार्च 2017 को आरोपित योगेश ने उसे सात लाख रुपये शेयर में लगाने के लिए दिए। उसके दो लाख रुपये अंकित किए, जबकि पांच लाख रुपये बैंक से ट्रांसफर कराए गए। इस राशि की एवज में आरोपित ने एक पीडीसी चेक दिया था। कुछ समय बीत जाने के बाद उसने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपित ने कहा कि उसके पास अभी पैसे नहीं हैं, छह माह का समय दो वह उसे पैसे दे देगा। उसे एक चेक दिया गया, राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया। आरोपित अपने दोस्त धीरज के साथ उसके घर पर आया और उसे कहा कि उसकी सारी राशि ब्याज सहित वापस कर दी जाएगी। राशि का सारा हिसाब-किताब उसकी पत्नी करेगी। शिकायतकर्ता ने दोबारा आरोपित के घर जा कर पैसे मांगे तो वहां आरोपित की पत्नी ने उसे धमकी दी कि अगर दोबारा पैसे मांगने के लिए आया तो उसे झूठे केस में फंसा देगी। वह अपनी रकम को भूल जाए। आरोपित ने उसे जान से मारने की धमकी दी। दूसरा मामला : को-ऑपरेटिव बैंक में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगे दो लाख

गांव खैरी निवासी रविद्र सिंह ने थाना सदर में शिकायत दर्ज कराई कि वह 12वीं कक्षा पास करने के बाद रोजगार की तलाश कर रहा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात रोहतक के गांव मदीना निवासी सुरेंद्र कुमार के साथ जून 2019 में पिपली में हुई थी। आरोपित ने उसे झांसा दिया कि उसकी कई बड़े लोगों के साथ जान-पहचान है। वह उसे सरकारी नौकरी लगवा देगा। वह आरोपित की बातों में आ गया। आरोपित ने उसे बताया कि पिपली के सरकारी बैंक में एक पोस्ट निकलने वाली है। उसकी विभाग में काफी जानकारी है। उसका एक परिचित चंडीगढ़ में लगा हुआ है। वह उसे नौकरी लगवा देगा। इसके लिए पांच लाख रुपये देने होंगे। वह उसे एक दरखास्त, आधार कार्ड व 12वीं का प्रमाण पत्र व कागजात दे दे। इसके साथ ही उसे दो लाख रुपये एडवांस देने होंगे। जून 2019 को उसने पिपली अनाज मंडी में आढ़ती सुरेंद्र ढींगरा से 50 हजार रुपये ब्याज पर लेकर आरोपित को कुल 2 लाख रुपये दिए। बाकी पैसे काम होने के बाद देने के लिए कहा। कुछ दिन बाद आरोपित ने उसे बताया कि उसका काम नहीं हुआ। अभी आचार संहिता लगी हुई है, चुनावों के बाद सरकार बनने पर वह उसका काम करवा देगा। काफी समय बीत जाने पर भी सुरेंद्र कुमार ने उसे नौकरी पर नहीं लगवाया और न ही पैसे वापस किए। जब शिकायतकर्ता ने आरोपित को फोन किया तो उसने उसे जान से मारने की धमकी दी। तीसरा मामला : किश्त के कटे 19 हजार, खाते से निकल गए किश्त के अलावा एक लाख 20 हजार रुपये गांव जैनपुर जाटान निवासी रामकुमार ने थाना लाडवा में शिकायत दर्ज कराई कि उसने मैग्मा बैंक से अपनी कार का लोन कराया था। उसकी गाड़ी की किश्त दो दिन लेट हो गई थी, जिस कारण मैग्मा बैंक कर्मी बबलू ने उसे फोन कर कहा कि वह बैंक के ही कर्मी सेक्टर पांच निवासी राजेश को भेज रहा है। राजेश कुमार ने कहा कि राशि के साथ 250 रुपये जुर्माना भी देना पड़ेगा। अगर वह राशि एटीएम के जरिये देगा तो उसे कोई जुर्माना राशि नहीं देनी पड़ेगी। शिकायतकर्ता ने आरोपित राजेश कुमार को 21 नवंबर को अपना एटीएम कार्ड दे दिया। राजेश ने बबलू को फोन कर कहा कि वह रामकुमार की पेमेंट को एटीएम के जरिये काट रहा है। उसके खाते से 19 हजार 126 रुपये काटे गए। कुछ समय के बाद राजेश कुमार कुमार उसके पास आया और एटीएम कार्ड दे कर चला गया। 26 नवंबर को उसके खाते से 20 हजार रुपये, फिर 20 हजार रुपये गाजियाबाद से निकाले गए। 27 नवंबर को पहले 20 हजार रुपये व दोबारा फिर से 20 हजार रुपये गाजियाबाद से निकाले गए। उसके बाद फिर से 40 हजार रुपये दिल्ली के भारतीय स्टेट बैंक से निकाले गए। इस बारे में बैंक को भी अवगत कराया गया, मगर उसकी राशि वापस नहीं लौटाई गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। चौथा मामला : कस्टमर केयर पर फोन करने पर उपभोक्ता हुआ ठगी का शिकार

थाना शहर के अंतर्गत एक बैंक उपभोक्ता कस्टमर केयर पर फोन करने पर धोखाधड़ी का शिकार हो गया। कस्टमर केयर पर फोन व्यस्त होने के बावजूद दूसरे व्यक्ति ने फोन कर जानकारी लेकर खाते से 45 हजार 550 रुपये निकाल लिए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

थानेसर निवासी जगमोहन ने थाना शहर में शिकायत दर्ज कराई कि वे पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डलवाने के लिए गए थे। उन्होंने क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल की पेमेंट करनी चाही तो कर्मी ने कहा कि उनका कार्ड ब्लॉक है। कार्ड का केवाइसी ठीक नहीं है। उन्होंने इस बारे में कस्टमर केयर को फोन किया तो वहां लाइन व्यस्त थी, इसी दौरान किसी अन्य का फोन आया कि उन्हें बताया कि आपने कस्टमर केयर पर फोन किया था वह आपकी क्या सेवा कर सकता है। उन्होंने क्रेडिट कार्ड के ब्लाक होने के बाद में बताया तो फोन करने वाले ने कहा कि टीम व्यूवर पर मोबाइल को लेकर क्रेडिट कार्ड का फोटो खींचा और उन्हें 50 रुपये किसी अन्य खाते में डालने के लिए कहा, मगर वह 50 रुपये किसी खाते में नहीं डले। जिसके बाद आरोपित ने कहा कि उनके पास किसी अन्य बैंक का क्रेडिट या डेबिट कार्ड है तो उसका नंबर दें। उन्होंने दूसरे क्रेडिट कार्ड की फोटो भी आरोपित को दे दी। आरोपित ने उनके खाते से 44 हजार रुपये निकाल लिए। जिस पर उन्हें ठगी का पता चला। अगले दिन फिर किया आरोपित ने फोन

अगले दिन फिर किया फोन

अगले दिन फिर से आरोपित ने फोन कर जगमोहन से पूछा कि उनका क्रेडिट कार्ड चल गया है या नहीं। शिकायतकर्ता ने इससे पहले ही बैंक से संपर्क कर अपने क्रेडिट कार्ड बंद करवा दिए थे। उन्होंने आरोपित को कोई जानकारी नहीं दी।


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