दो साल से थी दोनों छात्र गुटों में रंजिश
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में सोमवार को छात्रों द्वारा एक छात्र पर किए हमले में एक छात्र की मौत हो गई। मामले में दोनों ग्रुपों में दो साल पुरानी रंजिश बताई जा रही है। ये किस कारण शुरू हुई इसका तो संस्थान के शिक्षकों को भी नहीं पता लेकिन पिछले वर्ष यह सबके सामने आ गई थी।
सतीश चौहान, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में सोमवार को छात्रों द्वारा एक छात्र पर किए हमले में एक छात्र की मौत हो गई। मामले में दोनों ग्रुपों में दो साल पुरानी रंजिश बताई जा रही है। ये किस कारण शुरू हुई इसका तो संस्थान के शिक्षकों को भी नहीं पता, लेकिन पिछले वर्ष यह सबके सामने आ गई थी। 17 मई 2018 को भी दोनों ग्रुपों में संस्थान के सामने ही लड़ाई हुई थी। जिसमें कई छात्र घायल हो गए थे। छात्र संघ के चुनाव के दौरान यह रंजिश और भी गहरा गई थी। मामले में कुवि के प्रोक्टोरियल बोर्ड की ओर से मामले में दोनों ग्रुपों के छात्रों पर कार्रवाई की गई थी। कुवि के प्रोक्टर प्रो. आरके देसवाल ने बताया कि उन्होंने उसी समय कार्रवाई करते हुए अनीष, आदित्य कमलजी, खुशहाल सिंह, राजेश और अंकुर को संस्थान से निष्कासित कर दिया था और इन युवकों के खिलाफ पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना भी किया गया था। बाक्स
अंतिम पेपर के दिन ही करते थे लड़ाई इन दोनों ग्रुपों में दो बार लड़ाई की और दोनों ही बार परीक्षाओं में अंतिम पेपर देने के बाद भी की। सोमवार को भी अनीष के ग्रुप को इसका अंदेशा था, लेकिन इतना जल्द ही होगा इसका अंदाजा नहीं लगा पाए। अनीष बंसल के साथ मारपीट से पहले उसका दोस्त आदित्य भी था। वह मोटरसाइकिल के पीछे बैठा था। दूसरे युवकों की ओर से मारपीट करने के लिए पहला डंडा आदित्य को ही मारा। आदित्य उस समय मोटरसाकिल के पीछे बैठा था और वह उतर कर भाग गया। अनीष बाइक चला रहा था। वह उसे रोकता उस समय तक युवकों ने लाठी डंडों से हमला कर दिया था। बॉक्स
रैगिग के मामले में भी हुए बैन और निष्कासित, फिर किया समझौता दोनों ग्रुपों में लड़ाई लंबी चली है। 19 नवंबर को भी हॉस्टल में लड़ाई हुई थी। उस समय पहले राजेश की ओर से अनीष बंसल, सचिन कौशिक और देवीराम के खिलाफ रैगिग का मामला दर्ज करा दिया गया था। उसके बाद अगले ही दिन देवीराम ने भी दूसरे ग्रुप के खिलाफ रैगिग का मामला दर्ज करा दिया गया। जिसमें खुशहाल, मुकेश, गगन, गुरदीप और राजेश के खिलाफ रैगिग का मामला दर्ज करा दिया गया। कुवि प्रशासन की ओर से दोनों मामलों में कार्रवाई करते हुए सभी को निष्कासित कर दिया। उसके बाद दोनों ग्रुपों की ओर से 27 नवंबर को समझौता कर कुलपति को प्रजेंटेशन दी थी। उसके बाद 30 नवंबर को उनका बैन हटाया गया था। बॉक्स
2012 में की थी छात्र की गोली मारकर हत्या कुवि में पिछले कई वर्षों से शांति थी। प्रशासन की ओर से सुरक्षा कड़ी करने और आपराधिक प्रवृति के छात्रों पर लगातार बैन करने के बाद परिसर में शांति थी। वर्ष 2012 में छात्र विरेंद्र काकड़ोद की कुछ युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। विरेंद्र काकड़ोद उस समय अपने दोस्तों के साथ विश्वविद्यालय मार्केट में बैठा था। हमलावर सरेआम बंदुकें लहराते हुए वहां से निकले थे। उसके बाद से ही कुवि प्रशासन सख्त हो गया था। उसके बाद अब तक विश्वविद्यालय में शांति थी, लेकिन पिछले वर्ष चुनाव के बाद से ग्रुप बनने लगे थे। बॉक्स
हत्या के आरोपितों पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने लगाया बैन कुरुक्षेत्र : छात्र की हत्या के मामले में आरोपित सात छात्रों और एक बाहरी युवक पर कुवि प्रशासन ने विश्वविद्यालय परिसर में एंट्री पर बैन लगा दिया है। प्रशासन की ओर से बुधवार को छात्र की मौत के बाद यह फैसला लिया गया है। विश्वविद्यालय प्रोक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों ने आपात बैठक बुलाकर यह फैसला लिया है। कुवि के प्रोक्टर प्रो. आरके देसवाल ने बताया कि बैठक में सभी आरोपितों को कुवि से निष्कासित करने और उनके परिसर में आने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है। बैठक में प्रोक्टर के अलावा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. पवन शर्मा, चीफ वार्डन महिला प्रो. मंजूषा शर्मा, प्रो. रोहताश, डॉ. कुसुम, मुख्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. चांद जिलोवा, डॉ. सोबती ने भाग लिया। फुल प्रूफ होगी सुरक्षा यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। छात्र की मृत्यु पर दुख और संवेदनाएं प्रकट करते हैं। भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर हमने विश्वविद्यालय के सभी प्रवेश द्वार पर सुरक्षा के दृष्टिगत चेकिग प्रणाली को और कड़ा करने के निर्देश जारी किए हैं। चीफ सिक्योरिटी आफिसर, एक्सईएन और प्रोक्टर को यह जिम्मेदारी दी गई है।
- डॉ.कैलाश चंद्र शर्मा, कुलपति, कुवि।
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