शिव योग में होगा करवाचौथ का व्रत, पति की लंबी उम्र के लिए होगा खास
जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र करवाचौथ चार नवंबर को होगा। यह इस बार शिव योग में होगा। महि
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : करवाचौथ चार नवंबर को होगा। यह इस बार शिव योग में होगा। महिलाएं इस दिन व्रत रख अपने पति की लंबी उम्र की मंगल कामना करती हैं। शिव योग में करवा चौथ उनके सुहाग के लिए खास होगा। कॉस्मिक एस्ट्रो व श्री दुर्गा देवी मंदिर पिपली (कुरुक्षेत्र) के अध्यक्ष ज्योतिष व वास्तु विशेषज्ञ डा. सुरेश मिश्रा ने बताया कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं यह व्रत अपने पति के प्रति समर्पित होकर उनके लिए उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु व जन्म-जन्मांतर तक पुन: पति रूप में प्राप्त करने के लिए मंगल कामना से करती हैं।
इस दिन मिट्टी के करवा में जल भरकर पूजा में रखना बेहद शुभ माना गया है और इसी से रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर के लिए इस दिन व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और रात को चांद देखकर उसे अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। मां पार्वती महिलाओं को सदा सुहागन होने का वरदान देती हैं।
यह है करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष विशेषज्ञ डा. सुरेश मिश्रा ने बताया कि 4 नवंबर को शाम 4:10 से शाम 5:32 मिनट तक लाभ चौघड़िया में करवाचौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त है। व्रत रखने के लिए 13 घंटे 20 मिनट का समय है। प्रात: 6:50 से रात 8:10 बजे तक करवा चौथ का व्रत रखना होगा।
करवा चौथ को चंद्रमा उदय का समय
चंद्रमा इस पूजा और व्रत के केंद्र में हैं। व्रत रखने वाली महिलाएं चंद्रमा को जल चढ़ाने के बाद ही अपने जीवन साथी के हाथ से जल ग्रहण करती हैं। चंद्रोदय का समय रात्रि 8:10 बजे है।
करवा चौथ व्रत की विशेष विधि
करवा चौथ का व्रत और पूजन उत्तम विधि से करने पर महिलाओं को कई गुना फल मिलेगा।
-सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत रखने का संकल्प लें।
-मिठाई, फल, सेंवई और पूड़ी की सरगी ग्रहण कर व्रत शुरू करें।
-संपूर्ण शिव परिवार की स्थापना करें।
-गणेश महाराज को पीले फूलों की माला, लड्डू और केले चढ़ाएं।
-भगवान शिव और पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
-उनके सामने मोगरा या चंदन की अगरबत्ती और शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
-मिट्टी के करवे पर रोली से स्वस्तिक बनाएं।
-करवे में दूध, जल और गुलाब जल मिलाकर रखें और रात को छलनी के प्रयोग से चंद्र दर्शन करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।
-इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार अवश्य करें जिससे सौंदर्य बढ़ता है।
-इस दिन करवा चौथ की कथा कहनी या फिर सुननी चाहिए।
-कथा सुनने के बाद अपने घर के सभी बड़ों का चरण स्पर्श करना चाहिए।
पति की दीर्घायु की कामना कर पढ़ें यह मंत्र : -
नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा, प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।
महिलाएं यह करें
करवे पर 13 बिदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें। कथा सुनने के बाद करवे पर हाथ घुमाकर अपनी सासू जी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें। 13 दाने गेहूं के और पानी का लोटा या करवा अलग रख लें।
ऐसे दें चंद्रमा को अर्घ्य
चंद्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद पति से आशीर्वाद लें। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें। पूजन के पश्चात आस-पड़ोस की महिलाओं को करवा चौथ की बधाई देकर पर्व को संपन्न करें।