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सीकरी फार्म हाउस पर मिट्टी की जांच करा सकेंगे किसान

जैविक खाद बनाने में अग्रणी शाहाबाद के गांव ढकाली स्थित सीकरी फार्म हाउस में अब किसान अपने खेतों की मिट्टी की आधुनिक लैब में जांच करा सकेंगे। आधुनिक लैब में हर महीने मिट्टी के 100 नमूनों की जांच की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 05:10 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 05:10 PM (IST)
सीकरी फार्म हाउस पर मिट्टी की जांच करा सकेंगे किसान
सीकरी फार्म हाउस पर मिट्टी की जांच करा सकेंगे किसान

फोटो-11

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-10 लाख किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच 2023 तक करने का लक्ष्य

-10 राज्यों के किसान जुड़ेंगे आधुनिक लैब के साथ जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जैविक खाद बनाने में अग्रणी शाहाबाद के गांव ढकाली स्थित सीकरी फार्म हाउस में अब किसान अपने खेतों की मिट्टी की आधुनिक लैब में जांच करा सकेंगे। आधुनिक लैब में हर महीने मिट्टी के 100 नमूनों की जांच की जाएगी। 2023 तक 10 लाख किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। लैब को जल्द ही किसानों को समर्पित किया जाएगा।

सीकरी फार्म हाउस के प्रबंधक निदेशक प्रगतिशील किसान करण सीकरी ने बताया कि फार्म हाउस पर मिट्टी की सेहत की जांच करने के लिए जापान की तकनीक और मशीनरी के साथ आधुनिक सायल टेस्टिंग लैब स्थापित की जा रही है। उन्होंने लैब का नाम अपने दादा रामनाथ के नाम रखा है। लैब को चैरिटेबल प्रणाली से चलाया जाएगा और इस लैब का संचालन करने के लिए करणा फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना की गई है। लैब में हर माह मिट्टी के 100 नमूनों की जांच की जाएगी। किसानों को विस्तृत रिपोर्ट दी जाएगी। यहां मिट्टी के न्यूट्रीशन के साथ-साथ जीवाणु के बारे में जानकारी दी जाएगी। उनके साथ हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, दिल्ली व राजस्थान के करीब पांच लाख किसान जुड़े हुए है। अब इनको दोगुना करने का लक्ष्य है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों में भी किसानों को जोड़ा जाएगा। उनका लक्ष्य मिट्टी की सेहत को तंदुरुस्त रखना है। यह मिट्टी की बीमारियों और कमियों के बारे में किसानों को बताकर पूरा किया जा सकता है।

साफ्टवेयर में फीड होगा किसानों का लेखा-जोखा

करण सीकरी का कहना है कि श्रीरामनाथ सायल टेस्टिंग लैब को हाईटेक प्रणाली पर स्थापित किया जा रहा है। इस लैब में विशेष साफ्टवेयर होंगे और इन साफ्टवेयर में सभी किसानों का डाटा फीड किया जाएगा। मिट्टी के नमूनों की जांच का डाटा भी मिल पाएगा। साफ्टवेयर के माध्यम से किसान स्वयं अपने खेत की मिट्टी को किसी भी समय जांचने में सक्षम होंगे। लैब को राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से पंजीकृत कराया जाएगा।


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