किसानों की सोने पर आफत की बारिश
खेतों में खड़े किसानों के सोने पर शुक्रवार को बारिश आफत बनकर बरसी। दिन भर चली तेज हवाओं के साथ सुबह और शाम को 10 एमएम बारिश ने किसानों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। इस्माईलाबाद व पिहोवा में सबसे अधिक आठ-आठ एमएम बारिश हुई।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : खेतों में खड़े किसानों के सोने पर शुक्रवार को बारिश आफत बनकर बरसी। दिन भर चली तेज हवाओं के साथ सुबह और शाम को 10 एमएम बारिश ने किसानों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। इस्माईलाबाद व पिहोवा में सबसे अधिक आठ-आठ एमएम बारिश हुई। बारिश के साथ तेज हवा चलने पर कई जगहों पर गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई है। ऐसे में किसानों को फसल खराब होने का डर सता रहा है। मौसम विशेषज्ञों ने शनिवार को बूंदाबांदी जारी रहने की आशंका जताई है। इस आशंका ने किसानों की नींद हराम कर रखी है।
मौसम विभाग ने कई दिन पहले ही पांच और छह मार्च को बूंदाबांदी होने के आशंका जताई गई थी। अनुमान के अनुसार बृहस्वतिवार को ही आसमान में बादल छा गए थे। देर रात हल्की बूंदाबांदी भी शुरू हो गई थी। रात भर हल्की बूंदाबांदी होने के बाद सात बजे से नौ बजे तक बारिश तेज हो गई। 10 बजे के बाद बारिश थमने के बाद दोपहर तक मौसम साफ हो गया, लेकिन तेज हवा ने खेतों में खड़ी फसलों को जड़ तक हिला दिया। बारिश के चलते मिट्टी गीली हो गई और हवा तेज होने पर गन्ना के साथ-साथ गेहूं की फसल भी खेतों में बिछ गई। किसानों पर दोहरी मार
पिछले पांच-छह दिनों से गेहूं पर पीला रतुआ का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इसके नुकसान से बचने के लिए किसान स्प्रे करने में जुटे थे। ऐसे में अचानक बारिश शुरू हो गई। बारिश होने पर दवाई स्प्रे का काम भी थम गया है और बारिश ने फसलों को धरती पर गिरा दिया है। इससे पैदावार कम हो सकती है। गेहूं में चल रही दाना बनने की प्रक्रिया
कृषि विशेषज्ञ डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि इन दिनों गेहूं की फसल में दाना बनने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में पौधा भारी होता जाता है। बारिश के चलते मिट्टी गीली होने और उसके बाद तेज हवा आने पर फसल गिर गई है। अब शनिवार को भी बारिश होने की आंशका है। इन दिनों में गेहूं के खेत में पानी खड़ा होने से फसल को नुकसान होगा।