समर्थन मूल्य पर खरीद न होने से किसान और आढ़ती परेशान
सरकारी एजेंसियों की ओर से धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद न किए जाने से किसान व आढ़ती परेशान हैं। अनाजमंडी में धान के ढेर लगे हुए हैं लेकिन खरीद एजेंसियां मंडी से गायब हैं।
संवाद सहयोगी, लाडवा : सरकारी एजेंसियों की ओर से धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद न किए जाने से किसान व आढ़ती परेशान हैं। अनाजमंडी में धान के ढेर लगे हुए हैं, लेकिन खरीद एजेंसियां मंडी से गायब हैं। खरीद एजेंसियों द्वारा धान की खरीद बंद किए जाने से नाराज कस्टम मिलर्स व आढ़तियों ने परमल धान की किसी भी ढेरी के रेट लगाने व उसे भरने पर सख्त पाबंदी लगा दी है, जिससे किसान पांच दिन से मंडी में ढेरियों की रखवाली कर रहे हैं।
पिछले दस दिन में सरकारी एजेंसियों ने केवल एक दिन ही धान की खरीद की है। जिससे न केवल किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। वही आढ़तियों के सामने भी किसानों के साथ लेनदेन रूका पडा है। एक अनुमान के अनुसार अनाजमंडी में बुधवार को 60 हजार क्विटल से ज्यादा परमल धान बिना बिका पड़ा था। मंगलवार शाम से मौसम के करवट बदलने से किसानों के चेहरे पर पसीना आ रहा है।
टालमटोल कर रही सरकार व प्रशासन
अनाजमंडी धर्मशाला में सरकार व प्रशासन के धान खरीद के टालमटोल से नाराज किसानों व आढ़तियों की संयुक्त बैठक की। बैठक में मंडी प्रधान बिमलेश गर्ग ने कहा कि सरकारी एजेंसियां व अधिकारी धान खरीद को लेकर मनमानी कर रहे हैं जिससे अनाजमंडी में धान खरीद का काम बंद पडा है। धान खरीद सुचारू कराने के लिए उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों व खरीद एजेंसी के अधिकारियों से कई बार बात की है लेकिन सभी का रवैया टालमटोल वाला रहा है। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगले 48 घंटे में सरकारी एजेंसियों ने धान की खरीद शुरू नहीं की तो अनाजमंडी के सभी गेट बंद करके हड़ताल की जाएगी और कुरुक्षेत्र-सहारनपुर मार्ग को जाम कर दिया जाएगा।