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धार्मिक पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है कुरुक्षेत्र का हर एक तीर्थ स्थल : भंडारी

नेपाल दूतावास के प्रथम सचिव ओम कुमार भंडारी गीता स्थली ज्योतिसर और पवित्र ब्रह्मसरोवर को देखकर गदगद हो गए। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र का एक-एक तीर्थ और पर्यटन स्थल दर्शनीय है। इस तीर्थ नगरी कुरुक्षेत्र की पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 06:39 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 06:39 AM (IST)
धार्मिक पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है कुरुक्षेत्र का हर एक तीर्थ स्थल : भंडारी
धार्मिक पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है कुरुक्षेत्र का हर एक तीर्थ स्थल : भंडारी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र के धार्मिक स्थलों का भ्रमण करने के लिए पहुंचे नेपाल दूतावास के प्रथम सचिव ओम कुमार भंडारी गीता स्थली ज्योतिसर और पवित्र ब्रह्मसरोवर को देखकर गदगद हो गए। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र का एक-एक तीर्थ और पर्यटन स्थल दर्शनीय है। इस तीर्थ नगरी कुरुक्षेत्र की पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान है। इसी पवित्र धरा पर पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का जो उपदेश दिया था, वह उपदेश आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है।

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उन्होंने ब्रहमसरोवर, गीता उपदेश स्थली ज्योतिसर, नरकातारी और भद्रकाली मंदिर सहित अन्य तीर्थ और पर्यटन स्थलों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि गीता की जन्म स्थली ज्योतिसर और ब्रह्मसरोवर सबसे दर्शनीय स्थल है, इन स्थलों पर आकर मन को शांति मिलती है और पांच हजार से ज्यादा साल पुराने इतिहास से आत्मसात होने का अवसर भी मिलता है। इस धर्मनगरी की फिजाओं में आज भी कर्म करने का संदेश मिलता है।

कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने उन्हें एशिया के सबसे बड़े व्यवस्थित सरोवर ब्रह्मसरोवर और गीता उपदेश स्थली ज्योतिसर पर केंद्र सरकार की स्वदेशी दर्शन योजना के अंतर्गत श्रीकृष्ण सर्किट के तहत करोड़ों रुपये की लागत से किए जा रहे विकास कार्यों और महाभारत थीम और भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के स्थापित होने की जानकारी दी। इस क्षेत्र को पर्यटन स्थली के रूप में विकसित करने के लिए श्रीकृष्ण सर्किट में शामिल किया गया है।

नेपाल दूतावास के प्रथम सचिव के साथ नेपाल के काउंसलर (सांस्कृतिक) होम प्रसाद ल्यूटेल, दूतावास के ब्रिगेडियर जरनल ईश्वर कांत मेनाली भी भ्रमण के लिए पहुंचे।


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