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कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने से शिवभक्तों में छाई मायूसी

पिपली कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते उत्तराखंड राजस्थान व उत्तर प्रदेश सरकार के बाद प्रदेश सरकार ने भी कांवड़ यात्रा और शिविर लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 06:31 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 06:31 AM (IST)
कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने से शिवभक्तों में छाई मायूसी
कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने से शिवभक्तों में छाई मायूसी

संवाद सहयोगी, पिपली : कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते उत्तराखंड, राजस्थान व उत्तर प्रदेश सरकार के बाद प्रदेश सरकार ने भी कांवड़ यात्रा और शिविर लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार के इस फैसले से शिव भक्तों में मायूसी है। शिवभक्त इस बार भी हरिद्वार से गंगाजल नहीं ला पाएंगे।

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हर साल शिवभक्त हरिद्वार पैदल चलकर जाते हैं और गंगाजल लाकर शिवालयों पर अर्पित करते हैं, लेकिन इस बार भी पिछले वर्ष की तरह कोरोना लोगों की आस्था में बाधा बन गया है। शिवभक्त उम्मीद कर रहे थे कि इस बार उन्हें हरिद्वार से गंगाजल लाने की इजाजत मिल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड की सरकार के बाद प्रदेश सरकार ने भी कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं, जिससे शिवभक्तों में निराशा देखी गई

शिवभक्त निशांत ढींगड़ा व सोनू कश्यप ने कहा कि हर साल श्रद्धालु आस्था के चलते गंगाजल लाकर शिवालयों पर अर्पित कर मन्नतें मांगते हैं, लेकिन इस साल भी श्रद्धालु गंगाजल नहीं ला पाएंगे। सरकार के इस फैसले से हालांकि शिवभक्तों में निराशा है, लेकिन सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए आमजन के हित में फैसला लेते हुए कांवड़ यात्रा व शिविर लगाने पर प्रतिबंध लगाया है।

शिवभक्त विकास व कुलदीप शर्मा ने कहा कि शिवरात्रि पर्व हर धर्मप्रेमी के लिए गौरवान्वित करने वाला पर्व है। शिव को मानने वाले भक्त सावन माह में कांवड़ यात्रा को विशेष महत्व देते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए कांवड़ यात्रा की सभी तैयारियां धरी रह गई और जलाभिषेक की योजना भी धरी रह गई। कोरोना एक बार फिर श्रद्धालुओं की आस्था में बाधक बन गया। जिसके चलते अब कांवड़ प्रेमी हरिद्वार नहीं जा सकेंगे।


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