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बस्तियों में डोर-टू-डोर शुरू हुई कोरोना स्क्रीनिग

दूसरे राज्यों की मलिन बस्तियों में कोरोना के मरीज मिलने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने भी कमर कस ली है। पहले स्वास्थ्य विभाग कोरोना का जो सैंपल सिर्फ विदेशी हिस्ट्री रखने वाले या बहुत दुर्लभ स्थिति में मिलने वाले मरीजों का ही ले रहा था। विभाग कोरोना को हराने के लिए बस्तियों में डोर-टू-डोर स्क्रीनिग शुरू कर दी है। फ्लू के लक्षण मिलते ही अब मरीज का तुरंत सैंपल लिया जाएगा। विभाग ने इसके लिए चार टीमों का गठन किया है। मंगलवार को स्वास्थ्य सेवाएं

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 07:30 AM (IST)
बस्तियों में डोर-टू-डोर शुरू हुई कोरोना स्क्रीनिग
बस्तियों में डोर-टू-डोर शुरू हुई कोरोना स्क्रीनिग

विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र : दूसरे राज्यों की मलिन बस्तियों में कोरोना के मरीज मिलने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने भी कमर कस ली है। विभाग ने बस्तियों में डोर-टू-डोर स्क्रीनिग शुरू कर दी है। फ्लू के लक्षण मिलते ही तुरंत सैंपल लिया जाएगा। विभाग ने इसके लिए चार टीमों का गठन किया है।

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स्वास्थ्य सेवाएं कमीश्नर के निर्देश आते ही विभाग ने कीर्तिनगर से इस अभियान की शुरुआत कर दी। पहले दिन 200 से ज्यादा घरों में दस्तक देकर लोगों की जांच की। इंफ्रारेड थर्मामीटर से बुखार जांचा गया। टीम को फ्लू के लक्षण वाला तो दूर सामान्य बुखार का मरीज भी नहीं मिला। शारीरिक दूरी की यहां उड़ रहीं थीं धज्जियां

भले ही पूरे जिले में लॉकडाउन के निर्देशों की पालना हो रही हो, लेकिन कीर्तिनगर में लोग मंगलवार को लॉकडाउन व शारीरिक दूरी के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए साफ तौर पर दिखाई दिए। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांधीनगर में पहुंची तो टीम ने देखा कि लोग एक ही जगह पर समूह बनाकर बैठे हैं। टीम ने इन्हें अपने-अपने घरों में रहने की सलाह दी। दरअसल इन क्षेत्रों में तेजी से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है, क्योंकि बस्तियों में ज्यादातर लोग जागरूक नहीं हैं। ये रहे टीम में शामिल

पूर्णमल, प्रद्युमन, सुरेश, स्वास्थ्य निरीक्षक संजय शर्मा, नसीब, गुलाब, धर्मेंद्र, प्रदीप, अजमेर, संदीप और विशाल की टीमों ने घर-घर दस्तक देकर लोगों से बातचीत की और उनसे बातचीत की। इस दौरान महामारी रोग विशेषज्ञ बिदु राय ने मौके का निरीक्षण किया। टीम के सदस्यों ने बताया कि अगर किसी को बुखार, खांसी, जुकाम या सांस लेने में तकलीफ है तो उसे संदिग्ध कोरोना मरीज मानकर उच्चाधिकारियों को रिपोर्टिंग की जाएगी। इसके बाद विभाग की ओर से मरीज का सैंपल लिया जाएगा।


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