एलएनजेपी अस्पताल में चिकित्सक, मरीज व परिजन बंदरों से खौफजदा
एलएनजेपी अस्पताल में चिकित्सक मरीज और उनके परिजन सब बंदरों से खौफजदा हैं। यहां बंदर हमलावर हो गए हैं। बुधवार को बंदरों और कुत्तों ने परिसर में खूब उत्पात मचाया। इस उत्पात के डर से ओपीडी में उपचार कराने के लिए आए दो मरीज भागते हुए गिरने से चोटिल हो गए।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: एलएनजेपी अस्पताल में चिकित्सक, मरीज और उनके परिजन सब बंदरों से खौफजदा हैं। यहां बंदर हमलावर हो गए हैं। बुधवार को बंदरों और कुत्तों ने परिसर में खूब उत्पात मचाया। इस उत्पात के डर से ओपीडी में उपचार कराने के लिए आए दो मरीज भागते हुए गिरने से चोटिल हो गए। यहां तैनात कर्मचारियों के मुताबिक बंदर रोजाना मरीजों पर हमला बोल रहे हैं। बंदर कभी किसी मरीज को पकड़ लेते हैं तो कभी किसी के खाने पीने का सामान उठाकर भाग जाते हैं। इससे अस्पताल के मरीजों और उनके परिजनों में भय का माहौल है। वहीं क्वार्टर में रहने वाले चिकित्सक और उनके परिवार के सदस्यों को भी बंदरों का डर सता रहा है। पंजीकरण खिड़की के पास सुबह-सुबह उत्पात
पंजीकरण खिड़की पर सुबह के समय मरीज सामान्य दिनों की तरह पर्ची बनवाने के लिए लगे हुए थे तो कुछ लोग आसपास बैठे हुए थे। इतने में कुछ बंदर एक दूसरे के पीछे भागते हुए आए। इनके पीछे कुत्ते भी लग गए। मरीजों के बीच में बंदर जैसे ही आए मरीज इधर उधर भागने लगे। पार्क या बैंचों पर बैठे लोग भी घबरा कर उठ गए। करीब 10 से 15 मिनट तक इन बंदरों ने यहां पर खूब उत्पात मचाया और मरीजों की और भी दौड़े। गनीमत रही कि किसी को काटा नहीं। महिला गिरने से हो गई चोटिल
कर्मचारियों ने बताया कि इन बंदरों ने उत्पात मचाया हुआ है। कुछ मरीज और उनके परिजन पार्क में बैठे हुए भोजन कर रहे थे। इतने में एक बंदर नीचे उतरा और उसने मरीजों के बीच से खाना उठा लिया। इतना ही नहीं बंदर ने यहां बैठे व्यक्ति के चेहरे पर भी हमला करने का प्रयास किया। गनीमत रही कि वह पीछे हट गया और आसपास के लोगों की चीखों की आवाज सुनकर बंदर भाग गया। कुछ देर बाद एक महिला की टांग पकड़ ली। महिला भागी तो वह नीचे गिर गई और चोटिल हो गई। चिकित्सक व स्टाफ भी भयभीत : डॉ. मनजीत सिंह
एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनजीत सिंह ने बताया कि बंदरों से मरीज ही नहीं बल्कि क्वार्टर में रहने वाले चिकित्सक, स्टाफ और उनके परिजन भी भयभीत हैं। चिकित्सक और उनके परिवार के सदस्यों को घर से बाहर निकलने में डर लगा रहता है कि कहीं बंदर पकड़ न लें। बंदरों की इस समस्या को लेकर वन विभाग को भी कई बार लिखा जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग इस मामले में अपने स्तर पर कुछ नहीं कर सकता। वन विभाग को इस मामले में जल्द कुछ करना चाहिए।