गांव रामशरण माजरा में फैला डायरिया
गांव रामशरण माजरा में कई लोग उल्टी दस्त और पेट में दर्द की समस्या की चपेट में आ गए। 40 से ज्यादा लोग निजी अस्पतालों में उपचार कराने के लिए पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग को इस बात की खबर लगी तो पूरे लाव लश्कर के साथ गांव में पहुंच गया।
संवाद सहयोगी, बाबैन : गांव रामशरण माजरा में कई लोग उल्टी, दस्त और पेट में दर्द की समस्या की चपेट में आ गए। 40 से ज्यादा लोग निजी अस्पतालों में उपचार कराने के लिए पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग को इस बात की खबर लगी तो पूरे लाव लश्कर के साथ गांव में पहुंच गया। मगर विभाग को पूरे दिन में महज दो ही उल्टी दस्त के मरीज मिले। जबकि गांव के ही एक निजी क्लीनिक संचालक के पास अब तक 40 से ज्यादा मरीज पहुंच चुके हैं। शनिवार सांय को भी निजी क्लीनिक संचालक के पास तीन से चार मरीज उपचार कराते हुए मिले। वहीं स्वास्थ्य विभाग आउट ब्रेक होने की बात से किनारा कर रहा है। दो दिन से ज्यादा परेशानी, होना पड़ा दाखिल
निजी क्लीनिक पर उल्टी, दस्त की समस्या लेकर उपचार कराने पहुंचे पूनम, प्रदीप और सचिन ने बताया कि उनके पेट में तेज दर्द था। दो दिन से ज्यादा परेशानी बढ़ गई। पहले अपने स्तर पर उपचार कराया। इसके बाद भी जब स्थिति बिगड़ती गई तो उपचार के लिए दाखिल होना पड़ा। अब चिकित्सक डायरिया की समस्या बता रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना सफेद हाथी
बाबैन का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लोगों के लिए महज सफेद हाथी साबित हो रहा है। पिछले लंबे समय से यहां पर चिकित्सक नहीं होने की वजह से मरीजों को उपचार कराने के लिए लाडवा तक भागना पड़ता है। गांव रामशरण माजरा में जब उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ गई तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक नहीं होने की वजह उन्हें निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ा। लोगों ने मांग की कि जल्द से जल्द प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक को तैनात किया जाए, ताकि मरीजों को उपचार कराने के लिए भागना न पड़े। स्थिति स्वास्थ्य विभाग के काबू में : डॉ. सुदेश
उपसिविल सर्जन डॉ. सुदेश सहोता ने कहा कि गंभीर डायरिया के मरीज नहीं मिले हैं। दो दिनों में सात ही डायरिया के मरीज मिले हैं। स्थिति स्वास्थ्य विभाग के काबू में आ गई है। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में ओपीडी शुरू कर दी है, जो सात दिनों तक चलेगी। ग्रामीणों को जरा भी घबराने की जरूरत नहीं है।