लाखों की आमदनी, विकास की गति धीमी
लापरवाही सरपंच करें झेले जनता..अगर गांव में कोई भी पानी व्यर्थ बहाता है तो पंचायत उस पर जुर्माना ठोक देती है। मगर गांव निवारसी के मुखिया ऐसा करें उसको कोई कहने वाला नहीं है। कुछ ऐसा ही लाडवा हलका के गांव निवारसी में देखने को मिल रहा है।
अश्वनी धनौरा, कुरुक्षेत्र : लापरवाही सरपंच करें, झेले जनता..अगर गांव में कोई भी पानी व्यर्थ बहाता है, तो पंचायत उस पर जुर्माना ठोक देती है। मगर गांव निवारसी के मुखिया ऐसा करें उसको कोई कहने वाला नहीं है। कुछ ऐसा ही लाडवा हलका के गांव निवारसी में देखने को मिल रहा है। गांव के मुखिया ने अपने घर के बाहर सबमर्सीबल पंप लगवाया हुआ हैं, जिससे व्यर्थ पानी बहता रहता है। सरपंच की यह लापरवाही जनता को झेलनी पड़ रही है। व्यर्थ बहते पानी के कारण जोहड़ ओवरफ्लो हो रहे हैं और दूषित पानी लोगों के घर के बाहर खड़ा है। जिसमें मच्छर पनप रहे हैं और लोग बीमार हो रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार गांव में सबसे बड़ी समस्या गांव में दूषित पानी की निकासी नहीं है। ग्राम पंचायत की लाखों रुपये की आमदनी होने के बाद भी गांव में विकास ना के बराबर है। इस गांव के आस-पास कई फैक्ट्रियां होने के कारण मच्छरों की भरमार है। ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या का समाधान कराया जाए। ग्रामीणों ने अपनी मांगों व समस्याओं को लेकर दैनिक जागरण संवाददाता से विशेष बातचीत की। इतिहास
गांव में लगभग 1800 मतदाता हैं और 3000 की जनसंख्या है। इस गांव के सबसे ज्यादा लोग सेना में तैनात हैं। गांव के हर दूसरे घर से लोग विदेश में है। गांव की पंचायती जमीन करीब 114 एकड़ है, जिसकी लाखों रुपये आमदन है। गांव में धार्मिक स्थान गांव में दो गुरुद्वारे है, 200 वर्षों पुराना शिव मंदिर, नगर खेड़ा व पीर है। गांव के करीब 80 प्रतिशत लोग पढ़े-लिखे हैं, प्राथमिक पाठशाला है, पांच पंचायत घर, करीब पांच आंगनबाड़ी, एक डाकघर व पांच जलघर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव से सेना में मेजर जरनल, ब्रिगेडियर व कर्नल के पद पर रह चुके हैं। लोगों की जुबानी
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दूषित पानी पीने को मजबूर
ग्रामीण बिमला देवी का कहना है कि वें लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है। उनका कहना है कि पहले तो पानी में दवा भी मिलाते थे, मगर अब तो वह भी नहीं डालते। दूषित पानी पीकर बीमार हो रहे है। गांव की लाखों रुपये की आमदन है, मगर हमें फिर भी नरक में रहना पड़ रहा है। सरपंच को भी कई बार बोल दिया है, कोई सुनने वाला नहीं है। प्रशासन से मांग है कि इस समस्या का समाधान करें।
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जोहड़ में भरी है गंदगी
ग्रामीण सुरजाराम ने बताया कि गांव में कई जोहड़ है फिर भी जोहड़ गंदगी से लबालब रहता है। सरकार स्वच्छता के नारे लगा रही है, लेकिन गांव में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। कई सालों से यह समस्या ज्यों की त्यों है। उन्होंने कहा कि हमने जोहड़, नालों व सड़क की समस्या से संबंधित शिकायत सीएम विडो पर भी की थी, उसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। वोट के लिए तो सभी आ जाते हैं, मगर समस्या सुनने वाला कोई नहीं।
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खेल का मैदान नहीं है
ग्रामीण सुभाष चंद ने बताया कि गांव की 114 एकड़ के करीब जमीन है, फिर भी युवाओं के खेलने के लिए कोई खेल मैदान नहीं है। युवाओं को अभ्यास करने के लिए शहर में जाना पड़ता हैं। बच्चों के पढ़ने के लिए प्राथमिक तक ही पाठशाला है। उनका कहना है कि लड़कों को तो शहर में पढ़ने के लिए भेज देते है, मगर लड़कियों के साथ आये दिन हो रही घटनाओं के कारण उन्हें शहर कैसे भेजें। सरकार से मांग है कि स्कूल को अपग्रेड किया जाए। फोटो संख्या :17
गांव में दूषित पानी की निकासी व व्यवस्था नहीं
ग्रामीण कृष्णा देवी का कहना है कि नालियों व गलियां कबाड़ से अटी हुई है, जिसके कारण दूषित पानी घरों के बाहर जमा हो जाता है। ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। घरों के सामने दूषित पानी जमा है और मच्छर पनप रहे हैं। जिसके कारण लोग बीमार हो रहे हैं। बरसात के समय में दूषित पानी घरों में घुस जाता है। इसके बारे में सरपंच को भी कहा था, मगर समस्या का समाधान नहीं हुआ। फोटो संख्या : 18
25 से 30 लोग कर रहे देश सेवा
सूबेदार बलबीर सिंह ने बताया कि गांव के ज्यादातर लोग सीमाओं पर तैनात है। गांव के हर युवा में देश सेवा करने का जुनून है। उनका कहना है कि उपमंडल लाडवा में हमारे गांव के जवान सबसे ज्यादा सेना में भर्ती है। गांव से ही सेना में मेजर जरनल, ब्रिगेडियर व कर्नल के पद पर रह चुके है। इस समय भी गांव के करीब 30 लोग सेना में तैनात हैं। प्रतिनिधि का पक्ष
सरपंच जरनैल सिंह से फोन पर जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि जोहड़ की सफाई के लिए प्रस्ताव डाला था, मगर जोहड़ में ज्यादा गंदगी होने के कारण मनरेगा वालों ने मना कर दिया। पीने के पीनी की पाइप लाइन खराब हो जाती है तो उसे ठीक करा दिया जाता है। पाइप लाइन ज्यादा पुरानी हो गई है, उसे दोबारा डालना पड़ेगा। पंचायत के पास पैसे की कमी है। जब सरपंच से उनके घर के बाहर लगे सबमर्सीबल पंप से बहते व्यर्थ पानी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है।