Move to Jagran APP

गेहूं के उठान में देरी से आढ़तियों को वजन में कमी आशंका

कुरुक्षेत्र जिला भर की अनाज मंडियों से गेहूं खरीद के बाद उठान में देरी का मामला लगातार गर्माता जा रहा है। उठान में देरी होने से अब आढ़तियों को वजन में कमी का डर सता रहा है। कई आढ़तियों पर गेहूं की आवक के हिसाब से लाखों रुपये घटौती निकल रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 06:40 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 06:40 AM (IST)
गेहूं के उठान में देरी से आढ़तियों को वजन में कमी आशंका
गेहूं के उठान में देरी से आढ़तियों को वजन में कमी आशंका

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिला भर की अनाज मंडियों से गेहूं खरीद के बाद उठान में देरी का मामला लगातार गर्माता जा रहा है। उठान में देरी होने से अब आढ़तियों को वजन में कमी का डर सता रहा है। कई आढ़तियों पर गेहूं की आवक के हिसाब से लाखों रुपये घटौती निकल रही है। ऐसे में आढ़ती एसोसिएशनों ने इसकी जिम्मेदारी ठेकेदार पर डालने की मांग की है। एसोसिएशनों ने इसके लिए डीसी को पत्र लिखने का निर्णय लिया है। अभी तक जिला भर से 58 लाख 95 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद की है। पिछले सप्ताह भर से खरीद बंद होने के बाद भी अब तक 95 फीसद गेहूं का ही उठान हो पाया है।

loksabha election banner

गेहूं की खरीद शुरू होने से पहले आढ़तियों ने जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक में डीसी शरणदीप कौर बराड़ के सामने उठान में देरी का मामला उठाया था। आढ़ती एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बैठक में साफ कहा था कि उठान के नाम पर ठेकेदार लाखों रुपये नजराना वसूलता है। इसके बाद भी घटौती आने पर आढ़ती को अलग से नुकसान झेलना पड़ता है। मामला संज्ञान में आने के बाद डीसी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे। अधिकारियों की सख्ती से कुछ दिन कामकाज ठीक चला। इसके बाद हालात फिर बिगड़ गए। कई अनाज मंडियों में खरीद के बाद रेडी टू लिफ्ट करने के बाद भी दो-दो सप्ताह बाद गेहूं का उठान हो पाया है। ऐसे में अब हर ट्रक से वजन में घटौती निकल रही है। इस घटोतरी को हर बार आढ़तियों पर थोपा जाता है।

गर्मी के साथ सूख जाता है गेहूं

गेहूं की खरीद एक अप्रैल से शुरू की थी। जब अनाज मंडियों में गेहूं बिक्री के लिए आती है, वह सीधे खेत से मंडी में पहुंचती है। ऐसे में गेहूं में कुछ नमी होती है। गेहूं की खरीद होने के बाद यह कई-कई दिनों तक खुले आसमान के नीचे पड़ी रहती है। इससे तापमान गर्म होने पर गेहूं सूखती रहती है। गेहूं सूखने पर लगातार इसकी नमी कम होने पर वजन भी कम हो जाता है। जब यही गेहूं गोदाम में पहुंचती है तो वहां वजन कम मिलता है। इसी कम वजन की भरपाई आढ़ती से की जाती है।

ठेकेदार पर डाली जाए देरी की जिम्मेदारी

हरियाणा राज्य अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के जिला सचिव हरविद्र बंसल और नई अनाज मंडी में आढ़ती राजबीर सिंह ने कहा कि गेहूं की खरीद होने के बाद सरकार जिम्मेदार है। सरकार ने इसके लिए ठेकेदार को ठेका दे रखा है। ठेकेदार के उठान में देरी करने पर ही वजन में कमी आती है, इस घटोतरी की जिम्मेदारी भी ठेकेदार पर डालनी चाहिए। इसके लिए एसोसिएशन ने पहले ही डीसी का अवगत करवा दिया था, अब दोबारा डीसी को पत्र लिखा जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.