बेटी को तीन साल से नहीं मिल रही छात्रवृति, दिव्यांग पिता काट रहा चक्कर
बेटियों को बचाने व पढ़ाने के लिए सरकार भरसक प्रयास कर रही है लेकिन कुछ त्रुटियां इसमें अपवाद बनकर सामने आती हैं। ऐसा ही एक मामला राजकीय माध्यमिक विद्यालय नंबर पांच में देखने को मिला। कक्षा सातवीं में पढ़ने वाली मुस्कान को पिछले लगभग तीन वर्षो से सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृति नहीं मिल रही है।
संवाद सूत्र: शाहाबाद मारकंडा: बेटियों को बचाने व पढ़ाने के लिए सरकार भरसक प्रयास कर रही है, लेकिन कुछ त्रुटियां इसमें अपवाद बनकर सामने आती हैं। ऐसा ही एक मामला राजकीय माध्यमिक विद्यालय नंबर पांच में देखने को मिला। कक्षा सातवीं में पढ़ने वाली मुस्कान को पिछले लगभग तीन वर्षो से सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृति नहीं मिल रही है। बिहार मूल के दिव्यांग सिकंदर कभी स्कूल व कभी विभाग के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक उसे सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। सिकंदर ने बताया कि 4 अप्रैल 2016 को आखिरी बार मुस्कान के खाते में पैसे आए थे। उसके बाद से कोई पैसा बैंक खाते में नहीं आया है। इस बाबत वह शिक्षा विभाग के कुरुक्षेत्र कार्यालय में भी कई चक्कर काट चुका है लेकिन कोई हल नहीं निकला। तब उसे सलाह दी गई कि वह अपनी लड़की का नया बैंक खाता खुलवाएं उसमें पैसे आ जाएंगे और उसने 13 अप्रैल 2018 को एसबीआइ बैंक में नया खाता खुलवा लिया था, लेकिन उसमें भी अभी तक पैसा नहीं आया। सिकंदर ने कहा कि वह दिव्यांग होने के कारण कोई काम नहीं कर सकता और लड़की के लिए स्कूल की वर्दी, जूते व अन्य सामान खरीदने के लिए उसे परेशानी होती है। मुख्याध्यापक ईश्वर चंद ने बताया कि उन्होंने बैंक खाते से मुस्कान का आधार कार्ड ¨लक करवा दिया है और विभाग को इस बाबत सारी जानकारी भेज दी है। जल्द ही मुस्कान के बैंक खाते में पैसे आ जाएंगे। खंड शिक्षा अधिकारी शशि धवन ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। वह इस बाबत जानकारी एकत्रित कर मुस्कान के खाते में जल्द से जल्द पैसे डलवाने का प्रयास करेंगी।