किसान को जागरूक होकर करना होगा काम : कांबोज
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार (सीसीएसएचएयू) के कुलपति प्रो. बलदेव राज कांबोज ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर अब हर किसान को जागरूक होकर काम करना होगा।
पराली का समाधान है समझदारी : - चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विज्ञान केंद्र ने फसल अवशेष प्रबंधन पर लगाया किसान मेला
- दैनिक जागरण समाचार पत्र भी लगातार किसानों को कर रहा जागरूक जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार (सीसीएसएचएयू) के कुलपति प्रो. बलदेव राज कांबोज ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर अब हर किसान को जागरूक होकर काम करना होगा। अगर अभी भी जागरूक नहीं हुए तो अगली पीढ़ी की सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा और पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं दे पाएंगे।
उन्होंने यह बात शनिवार को सीसीएसएचएयू हिसार के कुरुक्षेत्र कृषि विज्ञान केंद्र के गांव भौर सैयदां में फसल अवशेष प्रबंधन पर आयोजित किसान मेले में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब वैज्ञानिकों ने नई-नई खोज कर ऐसे उपकरण तैयार करवा दिए हैं जो फानों को आसानी से मिट्टी में मिला सकते हैं। इसी तरह सरकार ने इसके लिए करोड़ों रुपये की सब्सिडी देकर और प्रोत्साहन राशि देकर अपनी जिम्मेदारी निभा दी है। अब किसानों की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह इसके लिए आगे आएं और फानों में आग लगाना पूरी तरह से बंद कर दें। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ अब किसानों के बीच सीधे खेतों में उतर गए हैं और हर किसान को फानों में आग से होने वाले नुकसान को लेकर जागरूक करने की अपनी जिम्मेदारी को हर हाल में पूरा करेंगे। उन्होंने प्रगतिशील किसान हरपाल बाजवा की सराहना करते हुए कहा कि अन्य किसानों को भी इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। सीसीएसएचएयू हिसार के विस्तार शिक्षा निदेशक डा. रामनिवास ने कहा कि हम दो तरीके से फानों का प्रबंधन कर सकते हैं। एक इसे खेत की मिट्टी में मिला सकते हैं और दूसरा इस आधुनिक कृषि यंत्रों की मदद से खेत से बाहर निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि फानों में आग लगाने से इनमें मौजूद कार्बन डाइआक्साइड गैस पर्यावरण में मिल रही है इससे तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। तापमान में बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा प्रभाव फसलों के उत्पादन पर ही पड़ेगा।
मित्र कीट हो रहे नष्ट
कृषि विज्ञान केंद्र कुरुक्षेत्र के वरिष्ठ संयोजक डा. प्रद्युम्मन भटनागर ने कहा कि फानों में आग लगने से मिट्टी की सतह सख्त हो रही है। इससे मिट्टी ने पानी सोखना बंद कर दिया है। मिट्टी की सतह सख्त होने और मित्र कीट नष्ट होने पर किसान को खेत में अधिक खाद डालना पड़ रहा है। इससे किसान को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस मौके पर सहायक कृषि अभियंता राजेश वर्मा मौजूद रहे।
किसानों को दिखाया आधुनिक यंत्रों का डेमो
किसान मेले में पहुंचे किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों की मदद से फानों का प्रबंधन करके भी दिखाया गया। किसानों को मशीन के मदद से फाने कटाई के बाद बंडल बनाने और सुपर सीडर से बिजाई करने की विधि को भी दिखाया गया।