शुक्रवार को दिन भर छाए रहे बादल, 17.7 डिग्री रहा अधिकतम तापमान
धर्मनगरी में वीरवार को दिन में हल्की धूप खिलने के बाद रात में जिला भर में दो एमएम के करीब बूंदाबांदी हुई। रात में बूंदाबांदी के बाद शुक्रवार को दिन भर आसमान में बादल छाए रहे और रुक-रुक कर पानी हल्की फुहारें आती रही और मौसम में नमी की मात्रा 100 प्रतिशत रही।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : धर्मनगरी में वीरवार को दिन में हल्की धूप खिलने के बाद रात में जिला भर में दो एमएम के करीब बूंदाबांदी हुई। रात में बूंदाबांदी के बाद शुक्रवार को दिन भर आसमान में बादल छाए रहे और रुक-रुक कर पानी हल्की फुहारें आती रही और मौसम में नमी की मात्रा 100 प्रतिशत रही। ऐसे में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 17.7 डिग्री और न्यूनतम तापमान 13.3 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा की गति 11 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने पर लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ा। ठंड से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों में लिपटकर ही घरों से
बाहर निकले। बाजारों में भी गर्म मफलर और दस्तानों की रेहड़ियों पर ग्राहकों की भीड़ रही। मौसम विशेषज्ञों ने रविवार तक मौसम के परिवर्तनशील रहने का अनुमान जताते हुए शनिवार को गरज व चमक के साथ मध्यम बूंदाबांदी के आसार जताए हैं।
नए साल की शुरुआत से ही लोगों को ठंड का सामना करना पड़ रहा है। पिछले चार दिनों से आसमान में बादल छाने पर लोग कड़ाके की ठंड झेल रहे हैं। आसमान में बादलों और हल्की बूंदाबांदी के चलते दिन में ही लोगों के हाथ पांव ठिठुर रहे हैं। ठंड से बचने के लिए लोग गर्म टोपी, दस्ताने और चदर लपेट कर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। दिन भर सूर्य देवता के दर्शन न होने पर हाथ और पांव ठिठुरने पर बाजारों में दुकानदार अलाव सेंक कर अपना दिन काट रहे हैं।
शनिवार को बूंदाबांदी के आसार
कृषि विज्ञान केंद्र की मौसम विशेषज्ञ डा. ममता ने बताया कि रविवार तक मौसम परिवर्तनशील रह सकता है। शनिवार को आसमान में बादल रहने के साथ-साथ शीत लहर चलने का अनुमान है। इसके साथ मौसम में नमी की मात्रा अधिक रह सकती है और शनिवार को अधिकतर स्थानों पर गरज व चमक के साथ मध्यम बारिश हो सकती है। इसके बाद 10 जनवरी से मौसम शुष्क रहने का अनुमान है।
किसान अपनी फसलों का रखें ध्यान
चौधरी चरण सिंह कृषि विवि हिसार के कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. प्रद्युम्मन भटनागर ने कहा कि ऐसे मौसम में किसान अपनी गेहूं, सरसों, आलू व टमाटर की फसलों का ध्यान रखें। मौसम को देखते हुए फसलों में पानी न लगाएं और किसी तरह की दवाई का छिड़काव करने से बचें।