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सिर्फ सिटीजन फीडबैक से नहीं पहुंच सकते स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप पर

विनीश गौड़ कुरुक्षेत्र थानेसर नगर परिषद सिर्फ सिटीजन फीडबैक के दम पर स्वच्छता सर्वेक्षण म

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2021 05:30 AM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2021 05:30 AM (IST)
सिर्फ सिटीजन फीडबैक से नहीं पहुंच सकते स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप पर
सिर्फ सिटीजन फीडबैक से नहीं पहुंच सकते स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप पर

विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र

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थानेसर नगर परिषद सिर्फ सिटीजन फीडबैक के दम पर स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप आने के दावे कर रही है, जबकि सर्विस लेवल प्रोग्रेस और सर्टिफिकेशन के मामले में नप बहुत बुरी तरह से पिछड़ी हुई है। सर्टिफिकेशन में नप सिर्फ ओडीएफ प्लस होने के चलते 700 में से 300 नंबर ही जुटाती दिख रही है, जबकि गार्बेज फ्री सिटी के सर्टिफिकेशन में तो नप ने 1100 में से 200 ही नंबरों पर आने की दावेदारी की थी। मगर इसमें भी ग्रीन अर्थ संस्था ने नोटिस देकर जवाब मांग लिया, जिससे इन अंकों पर भी संशय बना हुआ है। नप सर्टिफिकेशन के इन दोनों ही पार्ट में बुरी तरह से पिछड़ रही है। वहीं बात अगर सर्विस लेवल प्रोग्रेस की करें तो यहां भी नप की स्थिति अच्छी नहीं। नप घर-घर से कूड़ा उठान के दावे तो कर रही है, लेकिन नप के कूड़ा कलेक्शन कई टिपर खराब खड़े हैं और कई टिपरों में अलग-अलग कूड़ा उठान के पार्टिशन भी नहीं बने। इसके अलावा सेग्रिगेशन यूनिट नहीं होने की वजह से नप यहां भी 2400 अंकों में से कम ही अंक बटोरती दिख रही है। ऐसे में नप को सिटीजन फीडबैक में जोर लगाने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर भी जोर लगाने की जरूरत है।

नवंबर में निकाला था पब्लिक नोटिस, ग्रीन अर्थ संस्था ने जताई भी आपत्ति

दरअसल नवंबर 2020 में थानेसर नगर परिषद ने गार्बेज फ्री सिटी जीएफसी स्टार-1 घोषित करने के लिए पब्लिक नोटिस निकाला था। इस पर आपत्तियां भी मांगी गई थीं। जिसे देखते हुए ग्रीन अर्थ संस्था की ओर से इस पर आपत्ति जताई गई कि जीएफसी स्टार-1 के लिए कम से कम 30 फीसद घरों में गीले-सूखे कचरे का सोर्स सेग्रिगेशन, कूड़े का घर से अलग-अलग उठान, 60 फीसद गीले-सूखे कचरे की प्रोसेसिग, 70 फीसद कचरे के लिए प्रोसेसिग सुविधा, 100 फीसद बीडब्ल्यूजीएस कंपलाइंस, प्लास्टिक बैग बैन, कचरे में आग नहीं होनी चाहिए। खाली प्लाटों, ग्रीन बेल्ट, पार्कों, रेलवे लाइन के आसपास व अन्य स्थानों पर कचरा नहीं होना चाहिए। जबकि शहर में इससे उलट कोई सोर्स सेग्रिगेशन नहीं है, ना ही घर-घर से कचरा उठान की सही व्यवस्था है। खाली प्लाट, ग्रीन बेल्ट, पार्क, रेलवे लाइन और अन्य जगहों पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं। कोई प्रोसेसिग सुविधा नहीं है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में गुरुद्वारे के पास कचरा जलाकर, मिट्टी में दबाकर नियमों की उल्लंघना की जा रही है। प्लास्टिक बैग खुलेआम प्रयोग किए जा रहे हैं और सफाई कर्मचारी व लोग कचरे को आग लगा रहे हैं। ऐसी सूरत में शहर को एक स्टार गार्बेज फ्री शहर घोषित करने के बजाय सही मायने में कचरा प्रबंधन करके स्वच्छ बनाने पर कार्य करने की नसीहत भी ग्रीन अर्थ संस्था ने दी थी।

कोई जवाब नहीं आया आपत्ति पर : डा. नरेश भारद्वाज

ग्रीन अर्थ संस्था के कार्यकारी सदस्य डा. नरेश भारद्वाज ने कहा कि संस्था ने पब्लिक नोटिस पर आपत्ति जताई थी। साथ ही गार्बेज फ्री सिटी प्रोटोकाल की शर्ताें को पूरा करके दोबारा से 15 दिन का नोटिस देने की अपील की गई थी। मगर नप की ओर से इस आपत्ति पर संस्था को कोई जवाब नहीं दिया गया। इसके अलावा सर्टिफिकेशन और सर्विस लेवल प्रोग्रेस दोनों ही भाग में थानेसर नप बहुत कमजोर है। सिटीजन फीडबैक में भी नप को फूंक फूंक कर कदम रखने की जरूरत है क्योंकि फीडबैक में स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम क्रास चेकिग कर रही है। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां फर्जी फीडबैक मिली, जिसके बाद बाकायदा सरकार ने पत्र निकालकर इस बारे जागरूक भी किया और नंबर काटने के बारे में भी चेताया।

सिटीजन फीडबैक में थानेसर नप चल रही 88 में से टॉप टेन में

थानेसर नगर परिषद सिटीजन फीडबैक में 88 नगर परिषद और नगर पालिका में से टॉप टेन पर है। स्वच्छता सर्वेक्षण साइट में मिले आंकड़ों के मुताबिक थानेसर नगर परिषद के खाते में 33053 लोग आनलाइन फीडबैक दे चुके हैं। जबकि एसएस 2021 पोर्टल पर 1639 और 1969 टोल फ्री नंबर पर आठ लोग अपनी फीडबैक दर्ज करा चुके हैं।

शहरवासियों से अपील, नप का सहयोग करें : ईओ

थानेसर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी रविद्र कुमार ने बताया कि नप की ओर से अलग-अलग कूड़ा उठान के लिए पार्टिशन किए हुए टिपर लगाए गए हैं। जागरूकता के लिए सक्षम युवाओं की टीम लगाई गई है जो घर-घर जाकर गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग एकत्रित करने के लिए जागरूक कर रही है। नप अपने स्तर पर काम कर रही है। शहरवासियों से अपील है कि वे शहर को साफ और सुंदर बनाने के लिए नप का सहयोग करें।


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