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श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कालेज में एक सप्ताह बाद आंदोलन स्थल पर मना जश्न

सरकार ने श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कालेज में क्रिया शरीर विभाग के डा. प्रेमचंद मंगल को रीडर से प्रोफेसर प्रमोट किया तो कालेज परिसर में उत्सव मनाया गया। सप्ताह भर पहले जिस धरना स्थल पर रोष प्रकट करते हुए स्टाफ के सदस्य बैठे थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 06:08 AM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 06:08 AM (IST)
श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कालेज में एक सप्ताह बाद आंदोलन स्थल पर मना जश्न
श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कालेज में एक सप्ताह बाद आंदोलन स्थल पर मना जश्न

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सरकार ने श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कालेज में क्रिया शरीर विभाग के डा. प्रेमचंद मंगल को रीडर से प्रोफेसर प्रमोट किया तो कालेज परिसर में उत्सव मनाया गया। सप्ताह भर पहले जिस धरना स्थल पर रोष प्रकट करते हुए स्टाफ के सदस्य बैठे थे। उसी स्थल पर जश्न का माहौल दिखा। प्रोफेसर मंगल को ढोल के साथ पहले भगवान धनवंतरी की प्रतिमा तक लाया गया। इसके बाद जमकर रंग खेले गए और पटाखे भी चलाए। श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कालेज के शिक्षक, चिकित्सक और स्टाफ के दूसरे सदस्यों ने इसे आंदोलन की जीत बताया। साथ ही सरकार का आभार भी जताया।

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श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कालेज को आयुष विश्वविद्यालय में विलय करने के विरोध में शिक्षक और तमाम छोटे बड़े कर्मचारी 15 दिन तक धरने पर रहे थे। कर्मचारियों की इसी मांग को विधायक सुभाष सुधा ने विधानसभा में भी उठाया था। साथ ही शिक्षकों ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के समक्ष पिछले ही दिनों यह मामला उठाया था, जिस पर विज ने बिल्कुल साफ कहा था कि वे राजकीय आयुर्वेदिक कालेज का विलय नहीं होने देंगे। विधायक के आश्वासन के बाद स्टाफ ने धरना स्थगित कर दिया था।

बुधवार को हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा के आदेशों की एक प्रति डा. प्रेमचंद मंगल को प्राप्त हुई, जिसमें सरकार ने उन्हें रीडर से प्रोफेसर प्रमोट करने की सूचना लिखी थी। सूचना जैसे ही दूसरे स्टाफ को पता लगी तो जुलूस निकालकर प्रोफेसर मंगल को कालेज तक लाया गया।

शिक्षक संघ के डा. अशोक राणा, डा. मनोज तंवर, शिक्षक डा. कृष्ण जाटियान, डा. शंभु दयाल शर्मा ने बताया कि यह स्टाफ की एकता की जीत है। उन्होंने कहा कि कालेज के प्रिसिपल पद की डेढ़ से दो साल कुर्सी खाली रही थी। विवि ने दखल देते हुए इस कुर्सी पर प्रमोशन का हक खुद का बताया था, जिसकी वजह से सरकार ने प्रमोशन नहीं की थी। मगर अब डा. मंगल की प्रमोशन होने से साफ हो गया है कि सरकार ने उनकी मांग मान ली है। इसके लिए वे सरकार के आभारी हैं।


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