नेताजी सुभाष बोस को उनकी जयंती पर किया याद
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर जिलेभर में कार्यक्रम हुए। लोगों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आजाद हिद फौज के नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती शहर समेत पूरे जिले में मनाई गई। उनकी प्रतिमा और फोटो पर पुष्प अर्पित कर उनके बताए रास्तों पर चलने की प्रेरणा दी।
झांसा रोड स्थित जिदल पार्क के पास उनकी प्रतिमा पर एसडीएम थानेसर अश्विनी मलिक ने पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आजाद हिद फौज के संस्थापक एवं स्वतंत्रता सेनानी नेता सुभाष चंद्र बोस ने देश की आजादी के लिए अपना मुख्य योगदान दिया था। उनकी बदौलत आज हर कोई आगे बढ़ रहा है। इससे पहले नप ईओ बीएन भारती, नप सचिव केएल बठला, परमवीर चौहान सहित अन्य गणमान्य लोगों ने नेताजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी। जय भारती विद्या मंदिर स्कूल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। प्रिसिपल ओम गोपाल शर्मा ने विद्यार्थियों को नेताजी के जीवन के सिद्धांतों और आदर्शों से परिचित किया। नेताजी ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव को हिला दिया था।
जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व कोषाध्यक्ष विनोद गर्ग की अगुवाई में नेताजी की जयंती मनाई गई। उन्होंने कहा कि नेताजी ने अपनी हिम्मत, साहस और दूर²ष्टि के चलते राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए युवाओं को प्रेरित किया। इस अवसर पर निशी गुप्ता, नीलम, आशीष शमर, मधु चोपड़ा, उमा, रेखा रानी, निशा, बलराम, मधु गाबा, जसविद्र कौशिक, पूजा गर्ग, मोहित व रीना मौजूद रहे। हरियाणा प्रदेश अग्रवाल वैश्य सम्मेलन के जिलाध्यक्ष एवं जिला कष्ट निवारण समिति के सदस्य एडवोकेट अंकित गुप्ता ने कहा नेताजी ने कहा तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा देश को दिया। इसके बाद आजादी की लड़ाई और तेज हो गई। इस अवसर पर श्रीकृष्ण श्रद्धा सहयोग समिति के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता, वेद प्रकाश, जसविद्र सिंह, पवन गुप्ता, मदन, जय सिंह शर्मा, सुखविद्र सैनी, भूषण आढ़ती, भूराराम, पवन कुमार, प्रताप सिंह राणा, रोहित व छोटूराम मौजूद रहे। आंबेडकर स्टूडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन राजीव सभ्रवाल की अध्यक्षता में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। राजीव सभ्रवाल ने कहा कि 1944 को आजाद हिद फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया था। इस मौके पर संजीव, मोहन कबीर, रोहित कैत, अनिल चोपड़ा, ब्रजेश ग्रेवाल व अंकित मौजूद रहे।