गार्बेज प्वाइंटो पर लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
कुरुक्षेत्र स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा रैंक प्राप्त करने के लिए गार्बेज प्वाइंट्स चयनित कर उन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि खुले में कूड़ा डालने वालों पर सख्ती की जा सके। शहर में 100 सक्षम युवाओं की टीम घर-घर जाकर लोगों को सिटीजन फीडबैक दर्ज कराने के लिए जागरूक कर रही है। कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक की ड्यूटी वार्ड स्तर पर लगी है। जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा रैंक प्राप्त करने के लिए गार्बेज प्वा
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा रैंक प्राप्त करने के लिए गार्बेज प्वाइंट्स चयनित कर उन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि खुले में कूड़ा डालने वालों पर सख्ती की जा सके। शहर में 100 सक्षम युवाओं की टीम घर-घर जाकर लोगों को सिटीजन फीडबैक दर्ज कराने के लिए जागरूक कर रही है। कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक की ड्यूटी वार्ड स्तर पर लगी है। हर अधिकारी व कर्मचारियों को एक-एक वार्ड या सेक्टर सौंपा गया है, जहां पर औचक निरीक्षण कर स्वच्छता का जायजा लेने की हिदायत दी गई है। थानेसर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी रविद्र कुमार ने जागरण संवाददाता विनीश गौड़ से स्वच्छता सर्वेक्षण और नप के विकास कार्यो को लेकर हुई विशेष बातचीत में ये बातें कही।
प्रश्न : पार्को से निकलने वाला कचरा बहुत बड़ी समस्या है, इस पर क्या कर रहे हैं?
उत्तर : शहर में सेक्टरों समेत 104 पार्क हैं। इन पार्कों से वृक्षों के पत्ते, घास-फूस का कूड़ा ही निकलता है। इसका उठान करने की बजाय इन्हीं पार्को में कंपोस्ट पिट बनाई जाएंगी। फिलहाल एक आदर्श वार्ड लिया जाएगा, जहां पर ऐसा पार्क तैयार किया जाएगा जहां पर कंपोस्ट पिट बनाई जाएगी। जिमखाना क्लब के पास स्थित पार्क में पिट बनाने का काम शुरू भी कर दिया गया है, जहां पर खाद तैयार होगी। आसपास के घरों की रसोई से निकलने वाले कचरे को भी खाद बनाने में प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए लोगों को भी सहयोग करना होगा।
प्रश्न : गार्बेज प्वाइंट क्या हैं और इस पर नप कैसे काम कर रही है?
उत्तर : गार्बेज प्वाइंट उन स्थानों को कहते हैं जहां लोग कूड़ा डालते हैं। इन प्वाइंटों को खत्म करने के लिए लगातार सुबह से शाम तक सफाई कार्य चलती है। फिर भी लोग यहां कूड़ा डाल देते हैं। इसके लिए एक योजना बनाई गई है। कुछ गार्बेज प्वाइंट चिह्नित कर उन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जो भी व्यक्ति इन स्थानों पर कूड़ा डालते हुए दिखाई दिया उसका जुर्माना किया जाएगा। नूंह में ऐसा प्रयोग हो चुका है, जो काफी सफल रहा।
प्रश्न : अधिकारियों को सेक्टर व वार्ड सौंपे गए हैं क्या उसका असर दिखाई दे रहा है?
उत्तर : देखिए, हर काम को करने में वक्त लगता है। मेरे पास कोई जादुई छड़ी नहीं है, जिसे एकदम घूमाते ही सब ठीक हो जाएगा। 50 प्रतिशत सफलता तभी मान ली जाती है जब किसी काम को करने के लिए कोई नया कदम उठाया गया हो। मैंने आठों सेक्टर में एक एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। जो अधिकारी जिस सेक्टर में रह रहा है वह उसी सेक्टर में सफाई व्यवस्था का ध्यान रखेंगे। इसके अलावा 31 वार्डों में अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। वे उस क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पर नजर रखते हैं और जरूरत पड़ने पर सफाई दरोगा को मौके पर बुलाकर गंदगी के उठान व सफाई करने के आदेश भी देते हैं। लोगों को जरूरत है कि वे यहां-वहां कूड़ा फेंकने की बजाय नप के टिपरों में ही गंदगी डालें।
प्रश्न : गीला और सूखा कचरा बड़ी समस्या है, इसके लिए नप क्या कर रहा है?
उत्तर : गीला और सूखा कचरा कोई बड़ी समस्या नहीं है। इस समस्या को हम लोग बड़ी बना रहे हैं। अगर लोग थोड़ा सा जागरूक हो जाए तो गंदगी की समस्या पैदा ही न हो। घर से निकलने वाला कोई भी सामान व्यर्थ यानी कचरा नहीं है। रसोई से निकलने वाले कचरे को अगर हम घर पर ही जैविक खाद बनाएं तो घर में अच्छी गार्डनिग कर सकते हैं। इसके अलावा प्लास्टिक को अलग करें, गत्ते को अलग और रबड़ वाले सामान को अलग। यह सब बिकता है। मगर लोग इन सबको एक साथ मिलाकर कचरा बना देते हैं, जो बाद में किसी काम का नहीं रहता। इस बात को जितनी जल्दी समझ जाएंगे उतना ही बढि़या होगा।