बेसहारा गोवंश को अब मिलेगा आशियाना
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सड़कों पर डेरा जमाए बेसहारा गोवंश को अब आशियाना मिलेगा।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सड़कों पर डेरा जमाए बेसहारा गोवंश को अब आशियाना मिलेगा। पशुपालन विभाग ने शहर में इनको पकड़ने के लिए अभियान शुरू कर दिया है।
सोमवार को जिला उपनिदेशक डॉ. धर्मेंद्र ¨सह अगुवाई में छह सदस्यीय टीम ने पशुओं को पकड़ने का कार्य आरंभ किया। पहले दिन करीब आठ से 10 पशुओं को पकड़ा गया। सभी को मथाना में बनाए गए पुनर्वास केंद्र में शिफ्ट किया जाएगा।
बता दें कि प्रशासन की ओर से पहले 31 मार्च तक बेसहारा पशुओं से सड़कों को मुक्त करने का प्रपोजल तैयार किया था, लेकिन यह कागजों में सिमट कर रह गया। शहर की सड़कों से बेसहारा गोवंश व पशुओं के लिए दो पुनर्वास केंद्र भी चयनित किए गए थे, परंतु निर्माण समय पर पूरा न होने के कारण पशुओं को शिफ्ट नहीं किया जा सका।
बता दें कि दैनिक जागरण ने 20 मार्च के अंक में 31 मार्च के बाद सड़कों पर नहीं दिखेंगे गोवंश शीर्षक से प्रकाशित किया था। इसके बाद 1 अप्रैल के अंक में कागजों में प्रशासन के दावे, सड़कों पर गोवंश शीर्षक से प्रकाशित किया। इसके बाद 7 अप्रैल को उपायुक्त ने नगर परिषद व नगर पालिकाओं के अधिकारियों की बैठक ली थी, जिसमें स्पष्ट तौर पर 15 अप्रैल तक थानेसर शहर को बेसहारा पशुओं से मुक्त करने के निर्देश दिए गए थे। 24 अप्रैल के अंक में बेसहारा गोवंश का सड़क ही आशियाना शीर्षक से प्रकाशित किया। करीब एक सप्ताह बाद अब पशुपालन विभाग ने पशुओं को पकड़ने का कार्य शुरू किया है।
यहां बता दें कि प्रशासन की ओर से गांव मथाना व कुंवार खेड़ी में गोशाला बनाने का कार्य शुरू किया था, परंतु निर्धारित समय पर कार्य पूरा नहीं हो पाया। पंचायती राज विभाग की ओर से गेहूं का सीजन शुरू होने का हवाला देते हुए मजदूरों की कमी बताई थी। इसके चलते कार्य अधर में लटक गया था।
पशुपालन विभाग के जिला उपनिदेशक डॉ. धर्मेंद्र ¨सह ने बताया कि उपायुक्त के प्रयासों से शहर जल्द ही बेसहारा पशुओं से मुक्त हो जाएगा। विभाग की ओर से पशुओं को पकड़ कर मथाना स्थित पुनर्वास केंद्र में शिफ्ट किया जा रहा है। शहर में करीब 1000 बेसहारा पशु हैं, जबकि जिले भर में 2200 पशु हैं, जिन्हें पकड़कर अलग-अलग गोशालाओं में शिफ्ट किया जाएगा। प्रशासन की ओर से मथाना एवं कुंवार खेड़ी में पुनर्वास केंद्र तैयार किए गए हैं। इन दोनों केंद्रों में पशुओं को रखा जाएगा, यहां पर पशुओं के चारे से लेकर अन्य सभी प्रबंध किए गए हैं।