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संगीत में शास्त्र के साथ-साथ प्रायोगिक पक्ष भी महत्वपूर्ण : सचदेवा

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि संगीत एक पवित्र कला है। इसमें शास्त्र के साथ-साथ प्रायोगिक पक्ष भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह बात बुधवार को कुवि के संगीत एवं नृत्य विभाग में प्रशिक्षण और रोजगार केंद्र के सहयोग से संगीत उद्योग में विद्यार्थियों के कौशल विकास और रोजगार क्षमता में वृद्धि विषय पर आयोजित दो दिवसीय आनलाइन कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर कही।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 06:37 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 06:37 PM (IST)
संगीत में शास्त्र के साथ-साथ प्रायोगिक पक्ष भी महत्वपूर्ण : सचदेवा
संगीत में शास्त्र के साथ-साथ प्रायोगिक पक्ष भी महत्वपूर्ण : सचदेवा

फोटो संख्या : 12 - कुवि के संगीत विभाग में दो दिवसीय आनलाइन कार्यशाला शुरू जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि संगीत एक पवित्र कला है। इसमें शास्त्र के साथ-साथ प्रायोगिक पक्ष भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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उन्होंने यह बात बुधवार को कुवि के संगीत एवं नृत्य विभाग में प्रशिक्षण और रोजगार केंद्र के सहयोग से संगीत उद्योग में विद्यार्थियों के कौशल विकास और रोजगार क्षमता में वृद्धि विषय पर आयोजित दो दिवसीय आनलाइन कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि संगीत विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में यह कार्यशाला भी एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इससे विद्यार्थियों में कौशल विकास के प्रति रुझान बढ़ेगा। प्राच्य विद्या संकाय अध्यक्ष प्रो. शुचिस्मिता शर्मा ने कहा कि इस तरह के कार्यशाला से ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को जुड़कर इसका लाभ उठाना चाहिए। संगीत विभाग की अध्यक्ष डा. आरती श्योकंद ने सभी अतिथियों का आभार जताया। राजकीय महाविद्यालय साहा अंबाला के सेवानिवृत्त कंपोजर तथा शायर डा. अमृतपाल सिंह ने संगीत के क्षेत्र में रोजगार व कौशल विकास पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने संगीत रोजगार के क्षेत्र में गायन के साथ विभिन्न वाद्यों के प्रयोग, स्टूडियो में रिकार्डिंग, गुरबाणी में राग संगीत के कार्यक्रम, विभिन्न धर्मों में संगीत का महत्व और धुन बनाने के क्षेत्र में रोजगार के अवसर तथा अलंकारों के माध्यम से एक विद्यार्थी में संगीत निर्देशन के गुण विकसित करने पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन विभाग के शिक्षक डा. अशोक शर्मा ने किया। म्यूजिक कंपोजर जय खन्ना ने संगीत रोजगार व कौशल विकास के बारे में चर्चा करते हुए संगीत निर्देशन के क्षेत्र में अपने दीर्घकालिक अनुभवों को साझा किया। दूसरे सत्र में मंत्र का संचालन करते हुए डा. मुनीष ने सभी अतिथियों का आभार जताया।


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