निजी अस्पताल टीबी मरीजों की सूचना विभाग को दें : सीएमओ
देश को वर्ष 2025 तक टूब र्क्यलोसस (टीबी) फ्री बनाने के सपने को साकार करने की दिशा में हरियाणा अहम योगदान देगा। यदि प्राइवेट डाक्टर के पास व क्लीनिक में टीबी का मरीज आता है और उसकी जानकारी हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य विभाग या संबंधित सिविल सर्जन कार्यालय में उनकी ओर से नहीं दी गई तो ऐसे प्राइवेट डाक्टर व क्लीनिक के साथ-साथ प्रयोगशालाओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : देश को वर्ष 2025 तक टूब र्क्यलोसस (टीबी) फ्री बनाने के सपने को साकार करने की दिशा में हरियाणा अहम योगदान देगा। यदि प्राइवेट डाक्टर के पास व क्लीनिक में टीबी का मरीज आता है और उसकी जानकारी हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य विभाग या संबंधित सिविल सर्जन कार्यालय में उनकी ओर से नहीं दी गई तो ऐसे प्राइवेट डाक्टर व क्लीनिक के साथ-साथ प्रयोगशालाओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिला सिविल सर्जन डा. संत लाल वर्मा ने कहा कि टीबी की बीमारी एक नोटिफाइड बीमारी है, लेकिन फिर भी कुछ ऐसे डाक्टर, क्लीनिक व प्रयोगशालाएं है, जो इस बीमारी का इलाज कर रही है और इसकी जानकारी संबंधित सिविल सर्जन व सरकार को मुहैया नहीं करा रही है। इससे आंकड़ों में फर्क आ जाता है, जिससे इस बीमारी के इलाज में दिक्कत आ रही है। टीबी के मरीजों के फालोअप के लिए ऐसे सभी प्राइवेट डाक्टरों, क्लीनिकों को अपने यहां टीबी के मरीजों के पुष्टि होने पर सरकार को जानकारी मुहैया करवानी होगी, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। उन्होंने कहा कि यदि कोई प्राइवेट अस्पताल, क्लीनिक उनके यहां आने वाले टीबी मरीज की जानकारी सरकार को मुहैया नहीं करवाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
2025 तक फ्री करने की योजना बनाई
सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने हरियाणा राज्य को वर्ष 2025 तक टीबी फ्री करने के लिए योजना बनाई है, इसलिए आमजन से भी अपील की जाती है कि अपने आस-पड़ोस में किसी भी मरीज को टीबी हो, तो उसकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दे।