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अनाथ बच्चों को मिलेंगी मुलभूत सुविधाएं : दुष्यंत चौधरी

कुरुक्षेत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोविड और महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लाभ और अधिकारों के बारे में जागरूकता के लिए आगे आया है। इसके लिए परियोजनाओं की एक श्रृंखला शुरू की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 06:38 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 06:38 AM (IST)
अनाथ बच्चों को मिलेंगी मुलभूत सुविधाएं : दुष्यंत चौधरी
अनाथ बच्चों को मिलेंगी मुलभूत सुविधाएं : दुष्यंत चौधरी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोविड और महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लाभ और अधिकारों के बारे में जागरूकता के लिए आगे आया है। इसके लिए परियोजनाओं की एक श्रृंखला शुरू की है।

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सीजेएम दुष्यंत चौधरी ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजन गुप्ता ने कोरोना को लेकर जन जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि जागरूकता का हथियार कोरोना को हराने के साथ उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों को भी मजबूती दे सकता है। मास्क पहनने के उद्देश्य से कोविड एनिमेशन तैयार किया गया है। कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क शिष्टाचार के महत्व पर भी जोर दिया है।

एक अन्य परियोजना कोरोना होम वारियर्स एक जागरूकता अभियान की संकल्पना कोविड-19 के खिलाफ रोकथाम पर अधिकतम जन जागरूकता पैदा करने और स्वास्थ्य प्रोटोकाल के प्रभावी कार्यान्वयन जैसे कि सही तरीके से मास्क पहनना, शारीरिक दूरी, बार-बार हाथों को धोना, हाथों की सफाई के लिए की गई थी। इस अभियान के तहत बच्चों और शारीरिक दूरी के माध्यम से जागरूकता पैदा की जाएगी। इसके विपरीत, इंटरनेट मीडिया पर लोगों को अपनी कहानियों व बातों को सांझा किया जाएगा।

अनाथ बच्चों के लिए जागरूकता लाई जाएगी

एक अन्य परियोजना होप-संघर्ष से उत्कर्ष तक हम आपके साथ हैं, को उन बच्चों की मदद करने के लिए तैयार किया गया है, जिन्होंने बीमारी से लड़ते हुए कोविड महामारी में अपने माता-पिता या दोनों को खो दिया है। ऐसे बच्चों पर समाज को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उनकी सुरक्षा और पुनर्वास प्रमुख मुद्दों में से एक है। यह परियोजना उन बच्चों के अधिकारों और लाभों को सुनिश्चित करेगी। गैर सरकारी संगठनों और सार्वजनिक एजेंसियों की भागीदारी भोजन, आश्रय, कपड़े जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर ऐसे बच्चों की पीड़ा को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाएगी।


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