गरीबों के निवाले में लालच की मिलावट
पिपली । गरीबों के निवाले में मिट्टी की मिलावट।
संवाद सहयोगी, पिपली : गरीबों के निवाले में मिट्टी की मिलावट। जी हां, यह सुनने में अटपटा जरूर लगता है, लेकिन यह सच्चाई है कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से बीपीएल परिवारों को दिए जाने वाला गेहूं खराब है यानि मिट्टी व फफूंदी की भरमार है। इससे बीपीएल परिवारों में रोष है।
खराब गेहूं का मामला गांव ज्योतिसर का है। जहां पर बीपीएल परिवारों को खराब गेहूं वितरित किया जा रहा है। जब उपभोक्ताओं ने खराब गेहूं वितरित करने का विरोध किया तो डिपो होल्डर ने उन्हें कहा कि जो गेहूं पीछे से आई है, वहीं गेहूं दी जा रही है। डिपो होल्डर के रवैये को लेकर उपभोक्ता लामबंद हो रहे हैं। उनका कहना है कि गेहूं पूरी तरह खराब है। इसमें फफूंदी लगी हुई है। डिपो होल्डर ने उनकी बात सुनने की बजाय उल्टें खराब गेहूं ही लेने का दबाव बना रहा है। उन्हें 40 किलोग्राम गेहूं मिलती है। डिपो होल्डर सुदर्शन छाबड़ा का कहना है कि उसके पास गेहूं की 600 बोरी आई हैं। जिसमें कुछ गेहूं बीपीएल परिवारों को वितरित की जा चुकी हैं तो कुछ बाकी हैं। जिन परिवारों के पास खराब गेहूं गई है, उन्हें गेहूं बदलवाने का संदेश भेजा गया है। बाकी बची बोरियों की जांच की जा रही है। खराब गेहूं को बदला जाएगा। डिपो होल्डर खुद भी इसका ध्यान रखें। वे इस तरह का गेहूं आने पर अपने संबंधित इंस्पेक्टर को इसकी सूचना दें। उपभोक्ताओं को खरा गेहूं नहीं दिया जाएगा।
कुशलपाल बुरा, नियंत्रक, डीएफएससी।