अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में दिखेगी गांवों की झलक, बसाया जाएगा एक पूरा गांव
अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में हरियाणा के गांवों की झलक देश समेत दूसरे देशों तक बिखेरी जाएगी। वीआइपी से लेकर वीवीआइपी तक को ठेठ देसी खाना खिलाने के साथ उनके ठहरने और बैठने के प्रबंध भी गांव की तर्ज पर किए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में हरियाणा के गांवों की झलक देश समेत दूसरे देशों तक बिखेरी जाएगी। वीआइपी से लेकर वीवीआइपी तक को ठेठ देसी खाना खिलाने के साथ उनके ठहरने और बैठने के प्रबंध भी गांव की तर्ज पर किए जाएंगे। इसके लिए एक पूरा गांव बसाया जाएगा। इसके साथ पिहोवा स्ट्रीट कंसेप्ट पर भी फोकस होगा। सरस्वती के उद्गम से लेकर अब तक के तमाम विषयों को गुफानुमा प्रदर्शनी में संजोया जाएगा।
डीसी धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव-2020 अगले सप्ताह 27 से 29 जनवरी तक पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर आयोजित किया जाएगा। 30 जनवरी को वसंत पंचमी है। हर दुकान पर वसंती पटाखा रखा जाएगा। महोत्सव को एक दिन बढ़ाकर 30 जनवरी तक करने का प्रयास किया जाएगा। यह होगा विलेज कंसेप्ट
सरकार की ओर से महोत्सव के लिए एक करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। प्रशासन और सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड पर्यटकों के लिए कुछ नया करने की तैयारी में है। गांव के थीम पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें गांव का माहौल देखने को मिलेगा। गांवों जैसे घर, पराली व बांस की झोपड़ी, खाना पकाती महिलाएं, मेहमानों को भोजन परोसने के पुराने ²श्यों को जीवंत किया जाएगा। सरस मेले की तर्ज पर शिल्पकारों के स्टाल लगाए जाएंगे
अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में सरस मेले की तर्ज पर 70 से 80 शिल्पकारों के स्टाल लगाए जाएंगे। इसमें विभिन्न प्रदेशों की शिल्पकला देखने का अवसर मिलेगा। एक तरह से प्राचीन यादों को ताजा किया जाएगा। परंपरागत चीजों को भी मंच देने के साथ दूरदराज से आने वाले लोगों को पिहोवा की खासियत बताई जाएगी। 40 स्वागत द्वार बाए जाएंगे
अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में पहली बार नगर कमेटी का गठन किया गया है। इनमें शहर के गणमान्य लोगों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। 40 भव्य स्वागत द्वार लगवाने के साथ गलियों के दोनों तरफ झालर लगाई जाएंगी। एनआइटी में होगा सेमिनार
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड व एनआइटी के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय सेमिनार कराया जाएगा। इसमें वैज्ञानिक, सिचाई विभाग के अधिकारियों सहित लगभग 400 लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। विभिन्न देशों से सरस्वती विशेषज्ञों को निमंत्रण भेजा गया है। पानी के सरंक्षण और सदुपयोग पर सेमिनार फोकस होगा।