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अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती पर ऑनलाइन होगा सेमिनार

जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ऑनलाइन

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 07:59 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 07:59 AM (IST)
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती पर ऑनलाइन होगा सेमिनार
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती पर ऑनलाइन होगा सेमिनार

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ऑनलाइन सेमिनार कराएगा। इसका फैसला कोरोना के संक्रमण के चलते लिया गया है। यह 21 से 23 दिसंबर तक चलेगा। सेमिनार में विश्व भर से गीता मर्मज्ञ हिस्सा लेकर गीता के स्थायी अस्तित्व और श्रीमद्भगवदगीता दर्शन विषय पर चर्चा करेंगे।

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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसएन सचदेवा ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की विवरणिका को ऑनलाइन लांच किया। उन्होंने कहा कि 21 दिसंबर को सुबह ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन सत्र होगा। इसी दिन सायंकालीन सत्र में इंस्टीट्यूट ऑफ संस्कृत एवं इंडोलॉजिकल स्टडीज की ओर से ह्यूमन वेल्यूस इन गीता एंड सस्टेनेबल एक्सिसटेंस विषय पर प्रथम तकनीकी सत्र और टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट विभाग की और से सस्टेनेबल एप्रोच टूवर्डस क्राइसिस एंड रिस्पोंस इन टूरि•ा्म विषय पर दूसरा तकनीकी सत्र आयोजित किया जाएगा। इसी तरह 22 दिसंबर को फिलॉसिफी विभाग की और से रोल ऑफ भगवद्गीता इन बिल्डिग ए कन्शिएस प्लेनेट विषय पर तीसरा तकनीकी सत्र, संस्कृत पालि एवं प्राकृत विभाग द्वारा इम्पोर्टेंस ऑफ स्ट्रैजिक लीडरशिप फार सस्टेनेबल डेवलेपमेंट भगवद्गीता परस्पेक्टिव विषय पर चौथा तकनीकी सत्र और यूनिवर्सिटी स्कूल आफ मैनेजेंट की ओर से बिजनेस चैलेंजिस एंड डिस्त्रपटिव लीडरशिप इनसाइट फ्रॉम श्रीमद्भगवद्गीता विषय पर पांचवा तकनीकी सत्र होगा। इसी तरह कॉमर्स विभाग की ओर से रिविजटिग भगवद्गीता इन टाइम्स ऑफ कोविड-19 पेनडेमिक लैसन्स फॉर लीडरशिप, बिजनेस एंड सोसाईटी विषय पर छठा तकनीकी सत्र होगा। इसी तरह 23 को अंग्रेजी विभाग की ओर से भगवद्गीता एंड इट्स इंफ्लूएंस ऑन वेस्टर्न लिटरेचर विषय पर सातवां तकनीकी सत्र आयोजित करने के बाद इसी दिन सांयकाल में संगोष्ठी का समापन सत्र आयोजित किया जाएगा।

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पहली बार ऑनलाइन होगी संगोष्ठी

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि गीता एक धार्मिक ग्रंथ होने के साथ-साथ एक जीवन दर्शन है। इनको अपनाकर कोई भी राष्ट्र अपना विकास कर सकता है। गीता सार्वभौमिक व कल्याणकारी है। वर्तमान समस्याओं का हल इसी अद्भुत ग्रंथ में है। 21 से 23 दिसंबर तक आयोजित होने वाली इस संगोष्ठी की तैयारियों के कमेटियों का गठन कर उन्हें जिम्मेदारी सौंप दी गई है। विवरणिका के ऑनलाइन लांच के अवसर पर प्रो. मंजूला चौधरी, प्रो. मोहिद्र चांद, प्रो. एसएस बूरा, प्रो. ब्रजेश साहनी व डा. महासिंह पूनिया मौजूद रहे।


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