बारिश और बाढ़ का पानी सहेजने पर खर्च होंगे 13 करोड़ रुपये
मेरा पानी मेरी विरासत योजना पर मचे बवाल के बाद सरकार हरकत में आ गई है। इस योजना के विरोध में उतरे किसानों ने कहा था कि जिस क्षेत्र में मक्का बिजाई अनिवार्य की जा रही है उसमें से ज्यादातर क्षेत्र में तो धान की रोपाई भी दो से तीन बार करनी पड़ती है।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : मेरा पानी-मेरी विरासत योजना पर मचे बवाल के बाद सरकार पानी को सहेजने की दिशा में भी आगे बढ़ गई है। इससे निजात पाने के लिए 630 रिचार्ज शॉफ्ट बनाने का फैसला लिया है। इन पर 13 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया जाएगा।
शाहाबाद और इस्माईलाबाद ब्लॉक में लगाए जाने वाले यह रिचार्ज शॉफ्ट फसलों को बाढ़ से बचाएंगे। इसके साथ ही बरसात के दिनों में व्यर्थ बहने और बाढ़ का कारण बनने वाली पानी को भी सहेजने का काम करेंगे। इनकी मदद से इस पानी को धरती में उतारा जाएगा। इससे फसलों का नुकसान कम होगा और धरती में पानी का लेवल भी बढ़ेगा।
अक्सर खराब हो जाती है फसल
शाहाबाद और इस्माईलाबाद के इस क्षेत्र में अक्सर बाढ़ के चलते फसलें नष्ट हो जाती है। अब इस नुकसान को कम करने के लिए शाहाबाद के क्षेत्र में 400 और इस्माईलाबाद ब्लॉक के क्षेत्र में 230 रिचार्ज शॉफ्ट लगाए जाएंगे।
पोर्टल पर करना होगा आवेदन
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. प्रदीप मील ने बताया कि रिचार्ज शॉफ्ट लगवाने के लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इसके लिए सरकार की ओर से 13 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया जाएगा। सरकार ने यह फैसला बाढ़ के चलते फसलों को होने वाले नुकसान को कम करने और बरसात के व्यर्थ बहने वाले पानी को धरती में उतारने के लिए लिया है।