नशे का शिकार हो रही युवा पीढ़ी : मनोज
पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने कहा कि नशे का प्रयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। मादक पदार्थ कुछ समय के लिए नशा देता है जिसमें व्यक्ति को मिथ्या सुखद अनुभूति होती है पर जैसे ही नशे का असर खत्म होता है तो व्यक्ति फिर से उसे लेना चाहता है।
जागरण संवाददाता, करनाल : पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने कहा कि नशे का प्रयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। मादक पदार्थ कुछ समय के लिए नशा देता है जिसमें व्यक्ति को मिथ्या सुखद अनुभूति होती है पर जैसे ही नशे का असर खत्म होता है तो व्यक्ति फिर से उसे लेना चाहता है। कुछ ही दिनों में उसे मादक पदार्थों की लत लग जाती है।
युवा पीढ़ी नशे का ज्यादा शिकार हो रही है। हमें अपने बच्चों के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार करना चाहिए ताकि उन्हें अकेलापन महसूस न हो। तनाव व अकेलापन मादक पदार्थों के सेवन की दिशा में ले जाता है। हमारा दायित्व बनता है कि हम बच्चों का सही मार्गदर्शन करें तथा उन्हें नशे से दूर रखें। बच्चों को आउटडोर खेलों से जोड़ें। वे शारीरिक व मानसिक रूप से सुदृढ़ होंगे। नशे को केवल कानून के भय से खत्म नहीं किया जा सकता, यह सामाजिक जागरूकता से संभव हो सकता है। नशे के कारण परिवार टूट रहे हैं। यदि परिवार का एक व्यक्ति नशे की आदत का शिकार हो जाता है तो उसका परिणाम पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है। उन्होंने नाटक मंचन को एक सार्थक पहल बताया। अकादमी निदेशक एडीजीपी आलोक रॉय ने कहा कि नशे के आदतन व्यक्ति का उपचार कराएं व उसके पुनर्वास में सहयोग करें। नशा समाज को खोखला कर देता है। नशे से अन्य सामाजिक बुराइयां जुड़ जाती हैं। इस अवसर पर निदेशक एफएसएल एडीजीपी श्रीकांत जाधव, अकादमी के ट्रेनिग एडवाइजर एवं पूर्व आइजी सतप्रकाश रंगा, पुलिस अधीक्षक कृष्ण मुरारी, उप पुलिस अधीक्षक राजकुमार, शीतल सिंह धारीवाल, सुंदर सिंह, पवन कुमार, निरीक्षक सुशील प्रकाश, रणधीर सिंह, कन्नुप्रिया, सुरेंद्र सिंह मौजूद थे।