विभाग के धोबीपाट पर 700 पहलवान चित
कर्ण स्टेडियम में सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च करने का खिलाड़ियों को लाभ नहीं मिल रहा है। कुश्ती कोच होने के बावजूद पहलवान अभ्यास से वंचित हैं। इस बार जिला स्तरीय अखाड़ा मुकाबले कर्ण स्टेडियम में नहीं होंगे क्योंकि खेल अधिकारी इस जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। अधिकारी के फैसले से जिले के लगभग 700 से अधिक महिला व पुरुष पहलवान प्रभावित होंगे और उन्हें असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि जिला स्तरीय अखाड़ा कुमारी व केसरी दंगल (महिला-पुरुष) दो और तीन मार्च को करनाल से 1
जागरण संवाददाता, करनाल : कर्ण स्टेडियम में सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च करने का खिलाड़ियों को लाभ नहीं मिल रहा है। कुश्ती कोच होने के बावजूद पहलवान अभ्यास से वंचित हैं। इस बार जिलास्तरीय अखाड़ा मुकाबले कर्ण स्टेडियम में नहीं होंगे, क्योंकि अधिकारी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। इससे जिले के लगभग 700 महिला और पुरुष पहलवान प्रभावित होंगे। बता दें कि जिलास्तरीय अखाड़ा, कुमारी और केसरी दंगल (महिला-पुरुष) दो और तीन मार्च को करनाल से 18 किलोमीटर दूर अमूपुर में कराया जा रहा है। इससे खिलाड़ियों में रोष है। गढ़ीबीरबल और मुनक के खिलाड़ियों के लिए मुश्किल
मखाला, गुलीमाजरा, मुनक, गढ़ीबीरबल, बड़ागांव के खिलाड़ियों को कर्ण स्टेडियम पहुंचने में 20 से 25 मिनट लगते हैं, जबकि अमूपुर पहुंचने में एक घंटे से अधिक समय लगेगा। मुकाबले के लिए तैयार भी होना है। आठ बजे पहुंचना है तो खिलाड़ी को सुबह छह बजे घर से निकलना होगा। अगर कर्ण स्टेडियम में मुकाबले होते हैं तो करनाल के लिए सीधा वाहन किसी भी गांव की मुख्य सड़क से मिल जाता है। दूसरी तरफ, मुनक के पहलवान को पहले करनाल बस स्टैंड आना होगा फिर अमूपुर के लिए यातायात साधन तलाशना होगा। स्टेडियम की कोई सुध लेने वाला नहीं
मास्टर्स एथलीट एसोसिएशन के सचिव महावीर तालियान ने बताया कि कर्ण स्टेडियम में करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद खिलाड़ियों को धक्के खिलाने की योजना है। कोच बिना समय सारिणी अभ्यास करा रहे हैं और निजी अखाड़े में मुकाबले करवाए जा रहे हैं। जिला खेल अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। पहलवान सुखजीत, सतबीर, बलवान, ऋषिपाल ने बताया कि अधिकारी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं, जबकि स्टेडियम में सभी सुविधाएं हैं। अमूपुर के कुश्ती अखाड़ा में मुकाबले
जिलास्तरीय अखाड़ा, कुमारी और केसरी दंगल (महिला-पुरुष) दो और तीन मार्च को ऊधम सिंह कुश्ती अखाड़ा अमूपुर में कराया जा रहा है। इनमें विभागीय प्रशिक्षकों के कुश्ती प्रशिक्षण केंद्र, निजी अखाड़े, निजी कुश्ती प्रशिक्षण केंद्र और कर्मचारी भाग ले सकते हैं। जिला कुमार के लिए 62 से 74 किलोग्राम और जिला केसरी टाइटल के लिए 74 किलोग्राम से ऊपर के पहलवान भाग लेंगे। विजेता राज्यस्तरीय अखाड़ा प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे। सभी जिला खेल अधिकारियों को पत्र जारी हुए हैं। ये रहेंगे नियम
- दो मार्च को सुबह 8 बजे वजन किए जाएंगे।
- कोई पहलवान चोट लगने के कारण भाग नहीं ले सकता तो उसके स्थान पर दूसरा स्थान प्राप्त करने वाला पहलवान भाग लेगा।
- पासपोर्ट फोटो, रिहायशी प्रमाण-पत्र, राशनकार्ड, बिजली का बिल या ड्राइविग लाइसेंस, पासपोर्ट या बैंक खाते की कॉपी वजन के समय दिखाना अनिवार्य होगा।
- कोई पहलवान दूसरे जिले के अखाड़े में से भाग नहीं ले सकता। ये होंगी कैटेगरी
पुरुष वर्ग
अंडर-17 में 32 से 35, 38, 41, 45, 48, 51, 55, 60 और 65 किलोग्राम के वजन रहेंगे। जूनियर वर्ग अंडर-21 में 57, 61, 65, 70, 74, 79, 86 किलोग्राम और सीनियर वर्ग के लिए 57, 61, 65, 70, 74, 79 और 86 किलोग्राम के वजन रखे गए हैं। महिला वर्ग
अंडर-17 के लिए 32 से 34, 37, 40, 43, 46, 49, 53, 57 और 61 किलोग्राम, जूनियर वर्ग अंडर-21 में 50, 55, 57, 59, 62, 65 किलोग्राम व सीनियर वर्ग महिला के लिए 50, 55, 59, 62, 65 और 68 किलोग्राम वजन में कुश्ती होंगी। खिलाड़ी को नहीं होनी चाहिए परेशानी : राजीव कुमार
जिला खेल अधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष जिला अखाड़ा निजी अखाड़े में करवाए जाते हैं। पहलवानों का अखाड़ों में जुड़ाव होता है और मुकाबले देखने में ग्रामीण रुचि लेते हैं। ऐसे में महिला और पुरुष पहलवानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।