क्यों ना बढ़े गांव में संक्रमण ? इस बार न ठीकरी पहरा, न प्रशासन की सख्ती
कोरोना महामारी के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद तेजी के साथ बढ़ते कदमों को रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोई सख्ती नहीं की गई। वीरवार को इस विषय पर सीएम मनोहर लाल ने विशेष हिदायतें जरूर जारी की हैं जो शुक्रवार से लागू की जा सकती हैं। लेकिन इससे पहले गांवों में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, करनाल :
कोरोना महामारी के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद तेजी के साथ बढ़ते कदमों को रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोई सख्ती नहीं की गई। वीरवार को इस विषय पर सीएम मनोहर लाल ने विशेष हिदायतें जरूर जारी की हैं, जो शुक्रवार से लागू की जा सकती हैं। लेकिन इससे पहले गांवों में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। संक्रमण के साथ-साथ कोरोना से हो रही मौत के सिलसिले ने हिलाकर रख दिया है। पहली कोरोना की लहर पर गौर किया जाए तो पहले गांव के लोग अलर्ट थे। प्रशासन की ओर से भी दिशा-निर्देश जारी किए थे। जबकि दूसरी लहर ज्यादा प्रभावी है लेकिन गांवों में संक्रमण रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस समय जिले में कुल संक्रमण के आंकड़ों में से 35 से 40 फीसदी मरीज छोटे कस्बों व गांवों से आ रहे हैं। वीरवार को 727 मरीज ठीक, 620 नए संक्रमित
जिले के लोगों सुखद समाचार है कि वीरवार को कोरोना से पीड़ित 727 मरीज ठीक होकर घर गए जबकि 620 लोग संक्रमित हुए। कोरोना वायरस से संक्रमित अब तक लिए गए 324744 में से 292796 सैम्पलों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। अब तक 31147 पॉजिटिव केस सामने आए थे, जिनमें 25188 मरीज ठीक होकर घर चले गए। जिले का पॉजिटिविटी रेट 7.7 है और रिकवरी रेट 80.12 था, मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम है। वीरवार को 727 मरीज ठीक होकर अपने घर चले गए। रिपोर्ट के अनुसार 10 मौत हुई हैं। वीरवार को कोरोना से संक्रमित 620 नए केस सामने आए है। अब तक 315 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। 5644 एक्टिव केस हैं। जिले में यह है बेड उपलब्धता
जिले में 416 आक्सीजन सहित नॉन एसी बेड और 404 भरे हुए हैं। 12 बेड खाली हैं, जबकि ऑक्सीजन सहित आइसीयू बेड 206 हैं, जिनमें 205 भरे हुए हैं। वीरवार तक जिले के केसीजीएमसी ऑक्सीजन के साथ नॉन आईसीयू 200 बेड हैं। केसीजीएमसी में ही ऑक्सीजन के साथ आइसीयू के 80 बेड हैं। पार्क अस्पताल करनाल में ऑक्सीजन सहित नॉन आइसीयू 10 बेड हैं, जो सभी भरे हुए हैं तथा ऑक्सीजन सहित आइसीयू बेड 20 हैं, जो भरे हुए हैं। डा. ज्ञान भूषण नर्सिंग होम करनाल में ऑक्सीजन सहित नॉन आइसीयू 6 बेड हैं, जिनमें 5 भरे हुए हैं तथा ऑक्सीजन सहित आइसीयू बेड 5 हैं जोकि भरे हुए हैं। अमृतधारा अस्पताल चौड़ा बाजार में ऑक्सीजन सहित नॉन आइसीयू 38 बेड हैं, जिनमें से 35 भरे हुए हैं तथा आक्सीजन सहित आइसीयू बेड 26 हैं जोकि भरे हुए हैं। विर्क अस्पताल में ऑक्सीजन सहित नॉन आइसीयू 37 बेड उपलब्ध हैं, जोकि भरे हुए हैं तथा आक्सीजन सहित आइसीयू बेड 8 हैं जोकि भरे हुए हैं। रामा सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में ऑक्सीजन सहित नॉन आईसीयू 8 बेड उपलब्ध हैं, जो भरे हुए हैं तथा आक्सीजन सहित आइसीयू बेड 6 हैं, जो भरे हुए हैं। इसी प्रकार सर्वोदय अस्पताल में ऑक्सीजन सहित नॉन आइसीयू 12 बेड हैं, जिनमें 9 भरे हुए हैं तथा आक्सीजन सहित आइसीयू बेड 10 हैं। जो भरे हुए हैं। करनाल नर्सिंग होम में ऑक्सीजन सहित नॉन आइसीयू 8 बेड हैं, जो भरे हुए हैं तथा आक्सीजन सहित आइसीयू बेड 10 हैं जोकि भरे हुए हैं। अर्पणा अस्पताल मधुबन में ऑक्सीजन सहित नॉन आइसीयू 16 बेड हैं, जिनमें 11 भरे हुए हैं तथा आक्सीजन सहित आइसीयू बेड 2 हैं, जो भरे हुए हैं। एसएस अस्पताल करनाल में ऑक्सीजन सहित नॉन आइसीयू 7 बेड हैं, जो भरे हुए हैं तथा आक्सीजन सहित आइसीयू बेड 7 हैं। 6 भरे हुए हैं। इसी प्रकार संजीव बंसल सिग्रस अस्पताल में ऑक्सीजन सहित नॉन आइसीयू 20 बेड हैं, जो भरे हुए हैं तथा आक्सीजन सहित आईसीयू बेड 5 हैं जो भरे हुए हैं। वर्जन
डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है। गांवों में जागरूकता अभियान के साथ-साथ हेल्थ कैंप लगाए जाएंगे, जिसमें उनकी जांच कराई जाएगी। लोग वैक्सीन लगवाएं, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। कोरोना के खिलाफ इस जंग में लोग प्रशासन का साथ दें।