व्हीटमैन ऑफ इंडिया डॉ. ज्ञानेंद्र ने किया डेयरी मेले का अवलोकन
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह चौहान के साथ राष्ट्रीय डेयरी मेले में प्रदर्शित गेहूं की उन्नत प्रजातियों का अवलोकन किया।
जागरण संवाददाता, करनाल : भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह चौहान के साथ राष्ट्रीय डेयरी मेले में प्रदर्शित गेहूं की उन्नत प्रजातियों का अवलोकन किया। दोनों ने किसानों का आह्वान किया कि वे गहन अनुसंधान के आधार पर विकसित प्रजातियों का ही इस्तेमाल करें। इस दौरान किसानों को भविष्य में विकसित होने वाली प्रजातियों से जुड़ी जानकारी भी दी गई।
उल्लेखनीय है कि आइआइडब्ल्यूबीआर के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को हाल में प्रख्यात पर्यावरणविद् पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने व्हीटमैन ऑफ इंडिया की अनूठी पहचान से नवाजा है। पूरे देश में उनके काम की धूम है। देश के कुल गेहूं रकबे के 60 फीसदी हिस्से में उन्हीं प्रजातियों का प्रयोग हो रहा है, जो डॉ. सिंह ने विकसित की है। पिछले शुक्रवार को ही उन्हें देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू़ ने डॉ. एबी जोशी मेमोरियल अवार्ड भी प्रदान किया। कृषि क्षेत्र में नवीनतम शोध और अनुसंधान से गहरा नाता रखने वाले डॉ. सिंह ने रविवार को एनडीआरआइ के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह चौहान के साथ इन दिनों चल रहे राष्ट्रीय डेयरी मेले का अवलोकन किया। दोनों निदेशकों ने इस दौरान आपसी संवाद के माध्यम से कृषि क्षेत्र में समन्वित व सकारात्मक दृष्टिकोण से आगे कदम बढ़ाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई। डॉ. सिंह ने बताया कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से किसानों के नॉलेज अपडेट में कारगर मदद हासिल होती है। इसी सोच के साथ उन्होंने और मेले में लगे आइआइडब्ल्यूबीआर के स्टॉल पर संस्थान के डॉ. अनुज कुमार, डॉ. सत्यवीर सिंह, डॉ. सेंथिल आर और डॉ. मंगल सिंह ने किसानों को नवीनतम प्रजातियों के प्रति जागरुक किया।
राष्ट्रीय डेयरी मेले की आयोजक इकाई एनडीआरआइ के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने डॉ. सिंह का स्वागत करते हुए मेले में लगे स्टॉल का भ्रमण कराया।