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दिन-रात बूंदाबांदी से गेहूं के खेत लबालब, सब्जी हो रही खराब

पिछले कई दिनों से सूर्यदेव के नाममात्र ही दर्शन हुए और अब दिनरात बरसात व बूंदाबांदी ने लोगों को बेहाल कर दिया है। रास्तों पर जगह-जगह बरसात का पानी भरने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में बरसात से सब्जी की फसल को भारी नुकसान पहुंच रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 07:59 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 07:59 PM (IST)
दिन-रात बूंदाबांदी से गेहूं के खेत लबालब, सब्जी हो रही खराब
दिन-रात बूंदाबांदी से गेहूं के खेत लबालब, सब्जी हो रही खराब

संवाद सहयोगी, इंद्री : पिछले कई दिनों से सूर्यदेव के नाममात्र ही दर्शन हुए और अब दिनरात बरसात व बूंदाबांदी ने लोगों को बेहाल कर दिया है। रास्तों पर जगह-जगह बरसात का पानी भरने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में बरसात से सब्जी की फसल को भारी नुकसान पहुंच रहा है।

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लहसुन, आलू, गोभी, मैथी आदि खेतों में पानी भरने से फसल खराब हो रही है। वैसे इस तरह की बरसात गेहूं के लिए फायदेमंद मानी जाती है लेकिन ज्यादा बूंदाबांदी आने से गेहूं के अनेक खेत भी पानी से लबालब हो गए। इससे गेहूं को नुकसान पहुंच सकता है। अनेक किसान सब्जी की फसल से पानी निकालने के प्रयास में जुटे। बरसात के चलने से लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हैं और इन दिनों स्कूलों की छुट्टियों होने के कारण अभिभावक बच्चों को खराब मौसम में कम ही घरों से बाहर निकलने दे रहे हैं।

इस बरसात में अनेक गरीबों के आशियाने भी टपक गए। वहीं करनाल-यमुनानगर स्टेट हाइवे समेत अनेक सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम रही। अनेक लोग घरों में अलाव तापकर ठंड से बचने का प्रयास करते दिखे। दोपहर बाद कुछ देर के लिए बूंदाबांदी बंद रही। इसी दौरान लोगों ने अपने जरूरी काम किए।

शहर में सब्जी व फल बेचने वाले दुकानदार ग्राहकों का इंतजार करते नजर आए लेकिन कम ही लोग ठंड में सड़कों पर निकले। यदि बरसात का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो सब्जी के अलावा दूसरी फसलों को भी भारी नुकसान पहुंच सकता है। बड़ी संख्या में ऐसे किसान हैं जिन्होंने आलू की फसल लगा रखी है लेकिन बरसात से खेत की चूरों में पानी भरने से आलू खराब होने की संभावना बन गई है। ऐसे मौसम में किसान आलू की फसल को खेत से निकाल भी नहीं सकते हैं। यही हाल सरसों की फसल का हो रहा है। बरसात व हलकी हवा चलने से अनेक खेतो में सरसों की फसल भी टेढ़ी हो गई है। जो पानी में डूबकर खराब हो सकती है।


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