जिले में अब तक 52.52 लाख से अधिक गेहूं की आवक
- डीसी निशांत यादव ने की अपील गेहूं के फाने ना जलाएं किसान भूसा बनाकर पशुओं के चारे का करें प्रबंध जागरण संवाददाता करनाल जिले में अब तक 27242 किसानों की 52 लाख 52 हजार 799 क्विटल गेहूं की खरीद विभिन्न परचेज सेंटरों व मंडियों में की गई। खरीदी गई गेहूं का उठान में तुरंत करवाने के आदेश खरीद एजेंसी को दिए गए हैं। डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि गेहूं की खरीद का कार्य जिले में 20 अप्रैल से 173 मंडी व परचेज सेंटरों पर शुरू कर दिया गया था। अब तक 25062 किसानों की 27242 किसानों की 52 लाख 52 हजार 799 क्विटल गेहूं मंडियों में आई। जिससे सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया। गेहूं का खरीद कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। उन्होंने बताया कि मार्केट कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार असंध में 5094 किसानों से 10 लाख 15 हजार
जागरण संवाददाता, करनाल : जिले में अब तक 27242 किसानों की 52 लाख 52 हजार 799 क्विटल गेहूं की खरीद विभिन्न परचेज सेंटरों व मंडियों में की गई। खरीदी गई गेहूं का उठान में तुरंत करवाने के आदेश खरीद एजेंसी को दिए गए हैं।
डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि गेहूं की खरीद का कार्य जिले में 20 अप्रैल से 173 मंडी व परचेज सेंटरों पर शुरू कर दिया गया था। अब तक 25062 किसानों की 27242 किसानों की 52 लाख 52 हजार 799 क्विटल गेहूं मंडियों में आई, जिसे सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया। उन्होंने दावा किया कि गेहूं का खरीद कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। उन्होंने बताया कि मार्केट कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार असंध में 5094 किसानों से 10 लाख 15 हजार 819 क्विटल, नीलोखेड़ी में 890 किसानों से 91 हजार 597 क्विटल, निसिग में 3729 किसानों से 7 लाख 55 हजार 611 क्विटल, इंद्री में 2797 किसानों से 4 लाख 39 हजार 537 क्विटल, घरौंडा में 2793 किसानों से 6 लाख 32 हजार 658 क्विटल, कुंजपुरा मार्किट कमेटी में 1623 किसानों से 2 लाख 24 हजार 890 क्विटल, तरावड़ी में 3038 किसानों से 6 लाख 5 हजार 179 क्विटल, करनाल में 3590 किसानों से 7 लाख 12 हजार 112 क्विटल, निगदू मार्केट कमेटी 2341 किसानों से 4 लाख 55 हजार 623 क्विटल तथा जुंडला मार्केट कमेटी में 1347 किसानों से 3 लाख 19 हजार 773 क्विटल गेहूं की खरीद की गई।
डीसी ने अपील की कि वे मंडी व परचेज सेंटर पर लॉकडाउन व शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखें। बिना मास्क मंडी में आने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन द्वारा दी गई हिदायतों का पालन करें। जो भी किसान मंडी में आए, वह अपने क्रमानुसार ही आएं ताकि समय पर उनकी फसल की खरीद हो सके। उन्होंने किसानों से यह भी अनुरोध किया कि वह गेहूं के फाने ना जलाएं बल्कि उसका भूसा बनवाएं। फाने जलाने से ना केवल वातावरण दूषित होता है बल्कि भूमि की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है।