Weather Update: प्री मानसून के बाद Monsoon भी कर रहा निराश, यहां सामान्य से 65 फीसद कम बारिश
प्री मानसून पूर्व के बाद अब मानसून भी लोगों को निराश कर रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून हरियाणा में पहुंच चुका है लेकिन बादल छाने के बावजूद बारिश नहीं हो रही।
करनाल [प्रदीप शर्मा]। प्री मानसून पूर्व के बाद अब मानसून भी लोगों को निराश कर रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून हरियाणा में पहुंच चुका है, लेकिन बादल छाने के बावजूद बारिश नहीं हो रही। 1 जून से 8 जुलाई तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में महज 19.8 एमएम बारिश हुई, जबकि 56.5 एमएम बरसात होनी चाहिए थी। यानी प्रदेश में सामान्य से 65 फीसद बारिश कम हुई है। हिसार और सिरसा जिले को छोड़कर प्रदेश में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। 15 से 30 मई तक होने वाली मानसून पूर्व की बारिश भी इस बार न के बराबर रही है।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में केवल बूंदाबांदी ही हो सकती है। अच्छी बारिश के लिए अभी लोगों को इंतजार करना पड़ेगा। 15 जुलाई के बाद ही संभावना बन सकती है। मानसून कमजोर है, ऐसे में अभी तक की बारिश की कमी को पूरा करना मुश्किल है।
1 जून से अब तक बारिश का आंकड़ा
जिला | सामान्य | बरसात हुई | कमी (फीसद में) |
अंबाला | 123.6 | 23.8 | -81 |
भिवानी | 41.4 | 27.8 | -32 |
फरीदाबाद | 50.4 | 5.7 | -89 |
फतेहाबाद | 40.5 | 17.3 | -57 |
गुरुग्राम | 53.6 | 4.6 | -91 |
हिसार | 44.5 | 42.9 | -4 |
झज्जर | 40 | 8.1 | -80 |
जींद | 51.6 | 22.2 | -57 |
कैथल | 44.7 | 14.3 | -68 |
करनाल | 74.1 | 14.2 | -81 |
कुरुक्षेत्र | 77 | 30.8 | -60 |
महेंद्रगढ़ | 58.7 | 27.3 | -53 |
मेवात | 57.4 | 4 | -93 |
पलवल | 42.2 | 1.7 | -96 |
पंचकूला | 132.4 | 9.8 | -93 |
पानीपत | 65.9 | 6.8 | -90 |
रेवाड़ी | 44.9 | 14.8 | -67 |
रोहतक | 65.9 | 7.8 | -88 |
सिरसा | 32.7 | 32.6 | 0 |
सोनीपत | 58.2 | 22.8 | -61 |
यमुनानगर | 135.4 | 10.7 | -92 |
नोट- बारिश के आंकड़े एमएम में हैं और कमी फीसद में है।
कम बरसात का प्रभाव क्या?
धान रोपाई का काम 70 फीसद हो चुका है। फिलहाल बासमती धान की रोपाई किसानों ने बरसात के इंतजार में रोकी हुई है। अब एक सप्ताह तक बरसात नहीं हुई तो बासमती धान रोपाई में देरी संभव है। मानसून की कमजोर हालात को देखकर धान के बजाय कोई और फसल की बुआई के लिए किसान मन बना सकते हैं।
कृषि विशेषज्ञों की राय, धान में ज्यादा पानी न लगाएं
उप कृषि निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास ने कहा कि जिन किसानों ने धान की रोपाई कर ली है, उनको धान में ज्यादा पानी लगाने की जरूरत नहीं है। पानी बचाएं। धान में इतना पानी रखें कि पैर धंस सके। केवल इतना ध्यान रखें कि दरार ना फटें। ज्यादा पानी देने से नुकसान यह भी है कि तापमान अधिक होने से धान में दिया गया पानी गर्म हो जाता है और पौधे की जड़ों को जलाना शुरू कर देता है।