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विकास के नाम पर करोड़ों खर्च, फिर भी स्मार्ट सिटी पानी-पानी

सुबह शुरू हुई बरसात के बाद सिटी बस स्टैंड घंटाघर चौक रेलवे रोड कुंजपुरा रोड लघु सचिवालय के आंगन में लोगों को जलभराव का सामना करना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 06:57 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 06:57 AM (IST)
विकास के नाम पर करोड़ों खर्च, फिर भी स्मार्ट सिटी पानी-पानी
विकास के नाम पर करोड़ों खर्च, फिर भी स्मार्ट सिटी पानी-पानी

जागरण संवाददाता, करनाल : सुबह शुरू हुई बरसात के बाद सिटी बस स्टैंड, घंटाघर चौक, रेलवे रोड, कुंजपुरा रोड, लघु सचिवालय के आंगन में लोगों को जलभराव का सामना करना पड़ा। पक्की सड़कों को तरसते शहर की 65 से अधिक कालोनियों के लोग कीचड़ से जूझने को मजबूर हैं। सिटी बस स्टैंड के मुख्य गेट पर वर्षों से पानी जमा होने की समस्या को करोड़ों रुपये का विकास भी दूर नहीं कर पाया है। शहर को स्मार्ट बनाने वाली अधिकारियों की बैठकें भी जलभराव की समस्या से निजात नहीं दिला पा रही हैं। बसंत विहार में दो वर्षों से चल रहे करोड़ों रुपये का विकास के बावजूद पानी जमा हो रहा है। शहर के अन्य कालोनी वासियों की मानें तो वैध होने के बावजूद अभी तक निकासी और पक्की सड़कें नहीं मिल पाई हैं। करोड़ों खर्चने के बावजूद सीवर ब्लॉकेज

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पार्षद एडवोकेट नवीन ने बताया कि बसंत विहार में लगभग 17 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए हैं, लेकिन अभी भी लोगों को जलभराव से निजात नहीं मिला है। अधिकारियों की सुस्त रवैये के कारण यहां निर्माण कार्यों में धांधली की गई। अब जब खुलासा हुआ तो उपायुक्त ने कार्रवाई करने की जरूरत समझी, जबकि पारदर्शिता के दावों के बावजूद निर्माण के दौरान जिम्मेदार गंभीर नहीं हुए। बसंत विहार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुभाष शर्मा ने बताया कि सीवर कार्य पर करोड़ों रुपये खर्चने के बावजूद निकासी का बंदोबस्त नहीं किया गया है। हालात ऐसे हैं कि थोड़ी सी बरसात के बाद सीवर का गंदा पानी घरों में बैक मार रहा है और सड़कों का लेवल ठीक न होने के कारण कई दिन तक पानी जमा रहता है। सेक्टर-12 में फव्वारा पार्क बना तालाब

विकास की बैठकों से बाहर रहने वाले सिटी बस स्टैंड की हालत वर्षों से खस्ताहाल है। शहर की मुख्य सड़क स्थित बस स्टैंड के तीनों प्रवेश द्वार पर जलभराव है। यात्रियों को गेट किनारे ईंट फेंककर निकलना पड़ रहा है। इसी तरह, सेक्टर-12 स्थित फव्वारा पार्क भी तालाब का रूप ले चुका है। यहां बैठने के लिए रखी बैंच लगभग पानी में डूब चुकी है और सैर करने वालों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। इसी तरह लघु सचिवालय परिसर में खस्ताहाल प्रवेश द्वार सड़कों पर पानी जमा रहा और लोग इधर-उधर से अंदर जाते दिखाई दिए। साथ ही शहर की कालोनियों में पुराना प्रीतम पुरा कालोनी स्थित नजदीक बुधाखेड़ा ड्रेन, कृष्णा कॉम्पलेक्स स्थित सामने आरके पुरम कालोनी, राजीव पूरम, पालम कालोनी स्थित कैलाश गांव रोड, एसपी कॉलोनी नजदीक फूसगढ़ रोड, डीसी कालोनी, बैंक कॉलोनी, पुरानी दुर्गा कॉलोनी, दुर्गा कॉलोनी, उत्तम नगर, सरस्वती विहार कालोनी, लव कुश कॉलोनी के लोगों को जलभराव से समस्या हुई। विकास के नाम पर कर रहे गुमराह : गोगी

कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने बताया कि स्मार्ट सिटी के नाम पर शहर के लोगों को छह साल से झांसे में रखा जा रहा है। विकास के नाम पर सत्ताधारी पार्टी के नेता केवल गुमराह कर रहे हैं। छह साल में शहर की तस्वीर कहे जाने वाले सिटी बस स्टैंड से जलभराव दूर नहीं हो सका तो अन्य हिस्सों का क्या हाल होगा। कालोनिया वैध होने के बावजूद दो वर्षों से पक्की सड़कों को तरस रही हैं। निकालेंगे समस्या का हल: डीसी

उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि बसंत विहार के मामले में गड़बड़ी की जांच की जा रही है और जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की गई है। शहर में जलभराव समस्या को लेकर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अधिकारियों से बैठक कर हल निकाला जाएगा।


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