स्कूल में 13 पेड़ काटे, ग्रामीणों का हंगामा
सरकारी स्कूल से दर्जनों पेड़ काटने पर ग्राम वासियों ने प्रदर्शन किया। गांव सरपंच बबलू पूर्व सरपंच श्याम मुरारी पूर्व सरपंच जसविदर सिंह पंच महिद्र त्यागी ने बताया कि गांव के सरकारी स्कूल में 13 स्वस्थ पेड़ खड़े थे जोकि रातों-रात काट लिए गए। इसको लेकर ग्राम वासियों ने स्कूल में पेड़ों से लदी ट्राली को कब्जे में ले लिया।
संवाद सूत्र, गढ़ी बीरबल : सरकारी स्कूल से दर्जनों पेड़ काटने पर ग्राम वासियों ने प्रदर्शन किया। गांव सरपंच बबलू, पूर्व सरपंच श्याम मुरारी, पूर्व सरपंच जसविदर सिंह, पंच महिद्र त्यागी ने बताया कि गांव के सरकारी स्कूल में 13 ठीक पेड़ खड़े थे, जो रातों-रात काट लिए। इसे लेकर ग्राम वासियों ने स्कूल में पेड़ों से लदी ट्राली को कब्जे में ले लिया। ग्रामवासियों का आरोप है कि पेड़ लगभग ढाई लाख रुपए की कीमत के थे। पूर्व सरपंच जसविदर सिंह ने कहा कि ये पेड़ काफी समय से खड़े थे और बच्चे इनकी छाया का लाभ भी ले रहे थे, लेकिन अचानक इनकी कटाई करा दी गई।
खंड शिक्षा अधिकारी बीर सिंह राणा ने कहा कि पेड़ ज्यादा बड़े थे और बिल्डिग पर झुक रहे थे, इसलिए उनको कटवाया गया है। कमेटी में इसका प्रस्ताव पास किया था और इसकी बोली से प्राप्त पैसों को सरकारी खाते में जमा करा दिया था। ग्रामीणों ने जो आरोप लगाए हैं, वह निराधार हैं। वहीं, गांव के सरपंच बबलू ने बताया कि स्कूल से पेड़ काटने का मामला संज्ञान में नहीं था। बाद में शिकायत उच्चाधिकारियों को दी गई है। इधर, एसडीएम इंद्री सुमित सिहाग ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। जांच के लिए बीडीपीओ को गांव में भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। बीडीपीओ अंग्रेज सिंह मोर ने बताया कि इस बात की सूचना मिलते ही मौके पर गये। ग्रामीणों ने पेड़ से भरी एक ट्राली अपने कब्जे में ली है। स्कूल की ओर से पंचायत को बिना विश्वास में लिए पेड़ कटवाए गए हैं। जांच चल रही है। अगर वन विभाग से पेड़ों की कीमत नहीं लगवाई गई होगी तो दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।