एचसीएमएस के बैनर तले पांच को करनाल में जुटेंगे प्रदेशभर के चिकित्सक
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के बैनर तले पांच दिसंबर को होने वाली जरनल बाडी की बैठक में प्रदेशभर के चिकित्सक जुटेंगे। इसे लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। आइटीआइ चौक स्थित रेड कारपेट में सभी चिकित्सक एकत्रित होंगे।
जागरण संवाददाता, करनाल: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के बैनर तले पांच दिसंबर को होने वाली जरनल बाडी की बैठक में प्रदेशभर के चिकित्सक जुटेंगे। इसे लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। आइटीआइ चौक स्थित रेड कारपेट में सभी चिकित्सक एकत्रित होंगे। अभी तक 1200 चिकित्सकों ने बैठक में शामिल होने के लिए सहमति जता दी है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि 1500 से अधिक चिकित्सक इस बैठक में जुटेंगे। बैठक में एमबीबीएस, एमएम व एमडी चिकित्सक जुटेंगे। गौरतलब है कि एचसीएमएस की 12 नवंबर को करनाल में हुई दो घंटे की पैन डाउन हड़ताल भी सफल रही थी।
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन फिलहाल तीन मांगों को लेकर आंदोलनरत है। इनमें राज्य में स्पेशलिस्ट कैडर। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) की सीधी भर्ती पर रोक तथा पीजी पालिसी की मांग शामिल है। इन मांगों पर फोकस किया जा रहा है। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डा. दीपक गोयल ने कहा कि पांच दिसंबर को होने वाली बैठक को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डा. जसबीर परमार ने भी करनाल पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया है। आगामी रणनीति क्या होगी, इस बारे में पांच दिसंबर को निर्णय लिया जाएगा। करनाल में होने वाली बैठक में बड़ी संख्या में चिकित्सक हिस्सा लेने जा रहे हैं।
विधायकों को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
सोमवार को हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने जिला प्रधान संदीप अबरोल के नेतृत्व इंद्री विधायक रामकुमार कश्यप व घरौंडा विधायक हरविद्र कल्याण को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग पूरी करने की बात कही। इस मौके पर डा. संदीप अबरोल, जनरल सेक्रेटरी डा. दीपक गोयल, वाइस प्रेजीडेंट डा. संजय वर्मा, एडवाइजर डा. राजेश शामिल रहे।
चिकित्सा सेवाएं हो सकतीं प्रभावित
प्रदेशस्तरीय बैठक में चिकित्सक बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। ओपीडी सेवा प्रभावित होना तय है। अभी यह निर्णय नहीं लिया गया है कि इमरजेंसी सेवाएं, पोस्टमार्टम व लेबर रूम चलेगा या नहीं। इस बारे में पांच दिसंबर को होने वाली बैठक में स्टेट बाडी निर्णय लेगी। यदि सभी सेवाएं बंद करने का फैसला लिया जाता है तो संभव है कि मरीजों को बहुत अधिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है। ऐसे में सरकार के नुमाइंदे भी एसोसिएशन के संपर्क में रहेंगे, ताकि यह निर्णय टाला जा सके।