सुपरफास्ट ट्रेन के ठहराव की सीएम की घोषणा के दो साल पूरे, स्टेशन से ट्रेन कब गुजरती है पता भी नहीं चलता
करनाल रेलवे स्टेशन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जून 2016 में मंच के माध्यम से कालका-साई शिरड़ी सुपरफास्ट एक्सप्रेस के ठहराव की घोषणा की थी। उनकी इस घोषणा के बाद दैनिक यात्रियों में नई ऊर्जा तो आई, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनकी उम्मीद भी टूटती गई।
जागरण संवाददाता, करनाल : करनाल रेलवे स्टेशन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जून 2016 में मंच के माध्यम से कालका-साई शिरड़ी सुपरफास्ट एक्सप्रेस के ठहराव की घोषणा की थी। उनकी इस घोषणा के बाद दैनिक यात्रियों में नई ऊर्जा तो आई, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनकी उम्मीद भी टूटती गई। जून 2016 में इस घोषणा को दो साल हो गए, लेकिन इस पर ना तो मुख्यमंत्री ने ध्यान दिया और ना ही रेलवे विभाग के किसी अधिकारी ने।
स्थानीय लोगों ने कहा कि जब ट्रेन का ठहराव नहीं कराना था तो घोषणा क्यों की गई? रेलमंत्री से ट्रेन के ठहराव की हरी झंडी मिलने की सूचना ट्विटर पर भी साझा की थी, लेकिन बावजूद इसके इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। दैनिक यात्रियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। फाइल कहां पर पड़ी है इस बात की जानकारी रेलवे विभाग के अधिकारियों को भी नहीं है।
समाजसेवी राजीव अरोड़ा, अंशुल नारंग, विक्रांत शर्मा आदि ने बताया कि करनाल स्टेशन वर्षो से उपेक्षा का शिकार होता आया है। यहां से सीएम होने के बावजूद भी कोई सुध लेने वाला नहीं है।
करनाल स्टेशन से गुजरती हैं रोजाना 122 गाड़ियां
स्टेशन से रोजाना पूजा एक्सप्रेस, शताब्दी सहित सुपरफास्ट और पैसेंजर मिलाकर 122 गाड़ियां गुजरती हैं। इनमें से केवल 62 रेलगाड़ियां ही स्टेशन पर रुकती हैं। इनका ठहराव भी मात्र दो मिनट का ही होता है। स्टेशन पर यात्रियों की प्रतिदिन औसत संख्या करीब 15 हजार पहुंच चुकी है। करनाल स्टेशन से रेलवे को प्रतिदिन करीब 10 से 12 लाख रुपये की इनकम होती है। इसके बाद भी शहरवासियों की पुरानी मांगों पर अमल नहीं हो रहा है। दैनिक यात्रियों के आग्रह के बाद भी कालका-साई नगर सुपरफास्ट एक्सप्रेस ठहराव नहीं हो रहा है।
दिखाए जा रहे हैं रैपिड मेट्रो के सपने, एक्सप्रेस गाड़ियां तक रुकती नहीं
स्थानीय यात्रियों का कहना है कि लोगों को रैपिड मेट्रो लाने के सपने दिखाए जा रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि यहां पर सभी एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनों तक का ठहराव नहीं है। करीब 125 वर्ष पुराने इस रेलवे स्टेशन को बेहतर बनाने के दावे तो किए गए, लेकिन यह दावे कभी पूरे नहीं किए गए।
टैक्स ज्यादा, सुविधा कम
हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू कश्मीर और चंडीगढ़ के टोटल इंकम टैक्स 35 हजार करोड़ में 55 फीसदी यानी 19 हजार करोड़ रुपये अकेले हरियाणा का योगदान है, लेकिन टैक्स ज्यादा देने के बावजूद हरियाणा को लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं करनाल भी टैक्स देने में पीछे नहीं है। हमारे पड़ोसी राज्य पंजाब में नई दिल्ली अमृतसर शताब्दी नंबर 12029-31 के पंजाब में 225 किलोमीटर की दूरी पर छह स्टॉपेज हैं, जबकि यह ट्रेन हरियाणा में केवल एक जगह अंबाला में ही थमती है।
क्या है स्थानीय लोगों की मांग
- मेट्रो ट्रेन करनाल तक लाने की पक्की ठोस प्ला¨नग हो, फिलहाल मेट्रो ट्रेन दिल्ली से आइओसीएल रिफाइनरी पानीपत तक प्रस्तावित है। इस मेट्रो ट्रेन को पानीपत से आगे बढ़ाकर करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, चंडीगढ़ तक चलाया जाना बहुत जरूरी है। -रेल कोच फैक्टरी की मांग बहुत पुरानी, लोगों ने कांग्रेस सरकार में भी रोजगार के लिए इस फैक्टरी का इंतजार किया और अब जब केंद्र और हरियाणा में भाजपा सरकार है तब भी कर रही है।
- हरियाणा सबसे अधिक इनकम टैक्स देता है, इसलिए करनाल में सभी शताब्दी व ट्रेनों का स्टॉपेज हो।