मियाद पूरी, अब कसेगा कानूनी शिकंजा
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने शहर के पॉश इलाकों में शुमार सेक्टर-12 अर्बन एस्टेट के झुग्गीवासियों को अल्टीमेटम दे दिया है। यहां के बाशिदों को काफी समय से सेक्टर-16 स्थित चिन्हित क्षेत्र में शिफ्ट करने की कवायद अर्से से जारी है। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद हुडा प्रशासन इसमें नाकाम रहा है।
जागरण संवाददाता, करनाल: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने शहर के पॉश इलाकों में शुमार सेक्टर-12 अर्बन एस्टेट के झुग्गीवासियों को अल्टीमेटम दे दिया है। यहां के बाशिदों को काफी समय से सेक्टर-16 स्थित चिन्हित क्षेत्र में शिफ्ट करने की कवायद अर्से से जारी है। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद हुडा प्रशासन इसमें नाकाम रहा है। अब पूरे मामले में अगले महीने हाईकोर्ट में स्थिति स्पष्ट करने के चलते विभागीय प्रशासन किसी को रियायत देने के मूड में नहीं है। हुडा की एस्टेट ऑफिसर डॉ. अनुपमा ने दो टूक कहा कि पांच फरवरी की समय सीमा समाप्त होने के बाद रिपोर्ट के आधार पर अब इस मामले में ठोस कदम उठाए जाएंगे। इससे कार्रवाई के दायरे में आ रहे प्लाट धारकों की बेचैनी बढ़ गई है।
दरअसल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने अपने इस बहुप्रचारित प्रोजेक्ट के तहत सेक्टर-12 की वाल्मीकि बस्ती को स्थानांतरित करने की मुहिम शुरू की थी। इसके लिए बीते वर्ष सेक्टर-16 में दिए जाने वाले 50-50 गज के प्लाटों की पजेशन ऑफर करने के बाद पजेशन लेटर डिस्पैच किए किए गए, जिसे पाने के साथ ही कई प्लाट धारकों ने मौके पर घर बनाने शुरू कर दिए। लेकिन, कई प्लाट धारक अब भी सेक्टर-12 में झुग्गी-झोपड़ी वाला क्षेत्र छोड़ने को तैयार नहीं है। इसे लेकर हुडा प्रशासन की ओर से पहले गत वर्ष तीस नवंबर तक जगह खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया था। तब भी यही स्थिति बनी रही, जिसके चलते विभाग ने इसके लिए पांच फरवरी की अगली तिथि निर्धारित की। इसके लिए बस्ती में तमाम स्थानों पर न केवल पंपलेट लगाकर क्षेत्रवासियों को इस बाबत जरूरी जानकारी दी गई, बल्कि हाल में मुनादी कराकर भी इससे उन्हें अवगत कराया गया। इसके बावजूद हुडा प्रशासन को क्षेत्र खाली कराने और यहां के बाशिदों को सेक्टर-16 में शिफ्ट कराने में सफलता नहीं मिल सकी है। ऐसे में हुडा प्रशासन सख्ती बरतने के मूड में है। इससे कार्रवाई के दायरे में आ रहे प्लाटधारकों की बेचैनी बढ़ गई है। बोले अधिकारी:
विभाग को इस मामले में अगले माह उच्च न्यायालय में विचाराधीन केस के तहत सुनवाई के लिए अपना जवाब तैयार करना है। सबसे ज्यादा दिक्कत यह आ रही है कि इसी क्षेत्र के जिन प्लाट धारकों ने यहां अपना स्ट्रक्चर तोड़ लिया है, उन्हें मलबा बाहर ले जाने के लिए रास्ता नहीं मिल पा रहा। ऐसे में जहां भी जानबूझकर रास्ता बंद है, वहां संबंधित व्यक्तियों को अपना मलबा हटाना होगा अन्यथा उनपर कार्रवाई होना तय है।
--डॉ. अनुपमा, एस्टेट ऑफिसर, हुडा, करनाल। यह फंस रहा पेच:
सेक्टर-12 स्थित बस्ती में हुडा की ओर से कुल 259 लोगों को प्लॉट आवंटित किए गए हैं। इनमें कुछ मामले ऐसे हैं, जिनमें आवंटित व्यक्तियों की या तो मृत्यु हो गई है अथवा उनकी गुमशुदगी या उत्तराधिकारी के कारण गतिरोध बना हुआ है। नतीजतन, ऐसे मामले लंबित चले आ रहे हैं। दूसरी ओर, इसी मामले में कुछ पात्र धारकों की तरफ से आरोप लगाया गया है कि हुडा के अधिकारियों ने नियम-कायदे ताक पर रखकर एक ही परिवार के कई लोगों को प्लाट आवंटित कर दिए। शिकायतकर्ताओं ने यह मामला डीसी और एसपी से लेकर गृहमंत्री तक पहुंचाने का दावा किया है। वहीं, हुडा प्रशासन का कहना है कि योजना के तहत सर्वे की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा गया। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी गई है।