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यह बर्ड फ्लू का नया स्ट्रेन, संक्रमण का पोल्ट्री में असर, ह्यूमन बाडी में नहीं देखा गया : डा. धर्मेंद्र

बर्ड फ्लू को लेकर कई जगह पर दहशत का माहौल है। इसी कड़ी में करनाल जिले से भी दो अलग-अलग जगहों से सैंपलों को जांच के लिए भेजा गया है लेकिन अभी तक उनकी रिपोर्ट नहीं आ पाई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 10:12 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 10:12 PM (IST)
यह बर्ड फ्लू का नया स्ट्रेन, संक्रमण का पोल्ट्री में असर, ह्यूमन बाडी में नहीं देखा गया : डा. धर्मेंद्र
यह बर्ड फ्लू का नया स्ट्रेन, संक्रमण का पोल्ट्री में असर, ह्यूमन बाडी में नहीं देखा गया : डा. धर्मेंद्र

जागरण संवाददाता, करनाल : बर्ड फ्लू को लेकर कई जगह पर दहशत का माहौल है। इसी कड़ी में करनाल जिले से भी दो अलग-अलग जगहों से सैंपलों को जांच के लिए भेजा गया है, लेकिन अभी तक उनकी रिपोर्ट नहीं आ पाई है। जब तक रिपोर्ट नहीं आती, लोगों में एक आशंका जरूर बनी हुई है। इसे दूर करने को लेकर दैनिक जागरण ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप निदेशक डा. धर्मेंद्र से बातचीत की। उन्होंने बताया कि लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। बर्ड फ्लू का यह नया स्ट्रेन है। अभी तक इसके संक्रमण का असर केवल पोल्ट्री फार्म पर ही देखने को मिला है, मानव शरीर में बर्ड फ्लू संक्रमण का कोई मामला भी सामने नहीं आया है। लेकिन एहतियात के तौर पर जिले में विशेषकर कोहंड क्षेत्र के उस क्षेत्र को अलर्ट जोन में शामिल किया गया है, जिस फार्म से बर्ड फ्लू के सैंपल लिए गए थे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि सोमवार तक सैंपलों की रिपोर्ट आ सकती है।

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बर्ड फ्लू को लेकर हाई अलर्ट, यह बरतें विशेष सावधानियां

पोल्ट्री प्रोडक्ट को अच्छे से पकाकर खाएं

डा. धर्मेंद्र ने लोगों से अपील की है कि किसी भी पोल्ट्री प्रोडक्ट को 100 डिग्री सेल्सियस की ताप पर पकाएं। कच्चा मांस या अंडा खाने की गलती ना करें। ये वायरस ताप के प्रति संवेदनशील है और कुकिग टेंपरेचर में नष्ट हो जाता है। कच्चे मांस या अंडों को खाने की दूसरी चीजों से अलग रखना चाहिए। जिम जाने वाले लोग को अक्सर आपने हाफ ब्वायल या हाफ फ्राइड अंडा खाते हैं। बर्ड फ्लू से बचने के लिए इस आदत को तुरंत बदल दें।

पक्षियों के संपर्क में आने से बचें

उप निदेशक ने कहा कि वायरस के खतरे से बचने के लिए हमें पक्षियों के साथ सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए। डोमेस्टिक पोल्ट्री फार्म के पक्षियों के संक्रमित होने के बाद इंसान के बीच इसके फैलने की संभावना काफी बढ़ जाती है। पक्षियों के मल, लार, नाक-मुंह या आंख से स्त्राव के माध्यम से भी ये बीमारी इंसानों में फैल सकती है।

साफ-सफाई का रखें विशेष ध्यान

साफ-सफाई- छत पर रखी टंकियों, रेलिग्स या पिजरों को अच्छी तरह साफ करें। पक्षियों के मल या संबंधित जगह पर फैले पंख या कचरे को सावधानी से साफ करनी चाहिए। पक्षियों को खुले हाथों से न कपड़े, उनसे निश्चित दूरी बनाकर रखें। संक्रमित पक्षी करीब 10 दिनों तक मल या लार के जरिए वायरस रिलीज कर सकता है।

इन बातों का भी रखें विशेष ध्यान

- हेल्थ केयर वर्कर्स के नजदीक न जाएं

- घर में किसी संक्रमित व्यक्ति से भी निश्चित दूरी बनाकर रखें

- ओपन एयर मार्केट में जाने से परहेज करें

- हाइजीन-हैंडवाश जैसी बातों का खास ख्याल रखें।


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