आरसीसी बैंचों में बंदरबांट, पार्षदों ने उठाए गुणवत्ता पर सवाल
संवाद सहयोगी घरौंडा पार्षदों ने नगरपालिका द्वारा लगवाए गए आरसीसी बैंचों की गुणवत्ता और ब
संवाद सहयोगी, घरौंडा : पार्षदों ने नगरपालिका द्वारा लगवाए गए आरसीसी बैंचों की गुणवत्ता और बंदरबाट पर सवाल उठाए हैं। पार्षदों ने इस मामले की शिकायत नगरपालिका अधिकारियों को की है। पार्षदों का आरोप है कि नगरपालिका ने जो बैंच खरीदे है उनकी गुणवत्ता निम्न स्तर की है। इसके अतिरिक्त इन बैंचों को ऐसे स्थानों पर लगाया गया है जहां इनकी जरूरत ही नहीं।
शहर में सार्वजानिक स्थानों व धार्मिक स्थलों पर लोगों के बैठने के लिए बैंच लगाने की योजना नगरपालिका के गले की फांस बनती दिखाई दे रही है। सार्वजानिक स्थलों के लिए नगरपालिका ने आरसीसी से बने 295 बेंचों की खरीद की है। शहर में सत्रह वार्डों के लिए तैयार की गई इस योजना के अनुसार प्रत्येक वार्ड में दस बेंच लगाए जाने थे जबकि 125 बेंच धार्मिक स्थलों व श्मशान घाटों में रखने की प्लानिग की गई थी। बैंच रखे जाने का कार्य शरू होते ही आठ पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया। पार्षदों ने बेंचो की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए बेंच खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये है। शिकायत करने वाले पार्षद रामसिंह, ओंकार, कंवलजीत, विक्रम, सुनील, विकास, बबली देवी, प्रोमिला देवी का आरोप है कि नपा अधिकारियों ने कुछ पार्षदों के साथ सांठगांठ करके बेंचों के वितरण में बंदरबांट की है। बेंच रखने के लिए चिन्हित की गए स्थानों के बारे में पार्षदों से कोई राय नहीं ली गई। ---बॉक्स---
दो वार्डों में लगाए गए सबसे ज्यादा बैंच
बैंच योजना के खिलाफ मुखर हुए वार्ड चौदह के पार्षद ओंकार शर्मा का कहना है कि शहर के कई वार्ड ऐसे हैं, जिनमे सिर्फ दो या चार बेंच लगाये गए जबकि वार्ड संख्या चार व पांच में सबसे अधिक बेंच रखे गए है। ओंकार का आरोप है कि वार्ड पांच में जबरदस्ती तीस से पैतीस बेंच रखवाए गए है जबकि वार्ड चार की ऐसी संकरी गलियों में भी बेंच रखे गए हैं, जहां बेंच रखने का कोई औचित्य ही नहीं बनता। शर्मा ने कहा कि शहर में कई धर्मशाला, चौपाल व मंदिर हैं, जिनमें बेंच की जरूरत है लेकिन बंदरबांट के कारण ऐसे स्थानों की अनदेखी की गई।
नगरपालिका की एमई प्रियंका सैनी ने बताया कि पार्षदों ने बैंचों की क्वालिटी और वितरण के बारे में शिकायत की है। पार्षद बैंचों के वितरण से असंतुष्ट है। इस मामले की जांच करवाई जाएगी, फि़लहाल नगरपालिका ने सम्बन्धित ठेकेदार को पेमेंट नहीं की है।