मौसम के बारे में अपडेट रहें तो नहीं होगा फसलों का नुकसान
संवाद सहयोगी घरौंडा हरियाणा विज्ञान मंच के राज्य कमेटी सदस्य एवं पूर्व कृषि अधिकारी डा
संवाद सहयोगी, घरौंडा : हरियाणा विज्ञान मंच के राज्य कमेटी सदस्य एवं पूर्व कृषि अधिकारी डा. राजेंद्र सिंह ने कहा कि मौसम में तेजी से बदलाव आ रहा है। अनियंत्रित वर्षा, बहुत ज्यादा सर्दी या गर्मी का प्रकोप फसलों को बहुत प्रभावित कर रहा है। जिले में किसानों ने गेहूं के स्थान पर पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 50 प्रतिशत से अधिक रकबे में सरसों की बिजाई की लेकिन मौसम की जानकारी के अभाव में किसान सरसों में नुकसान झेल रहे हैं।
डा. राजेंद्र सिंह मंगलवार को घरौंडा में आयोजित बैठक में अपने विचार प्रस्तुत कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता स्प्रे मजदूर कमेटी के सहसंयोजक सुरेंद्र कुमार ने की। डा ध्यान सिंह व देशराज ने भी विचार रखे। डा. राजेंद्र सिंह ने वैज्ञानिक खेती पर बल दिया और कहा कि जनवरी माह में अधिक वर्षा होने से सरसों की फसल में अधिक नुकसान हुआ है। इसका मुख्य कारण किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीकों का ज्ञान न होना है क्योंकि 90 प्रतिशत रकबे में सरसों धान वाले खेतों में बोई गयी है। उन जमीनों में जल सोखने की ताकत कम होती है। चूंकि बीते सप्ताह में ज्यादा वर्षा हुई और ज्यादातर किसान सरसों की फसल में सिचाई कर चुके थे। जबकि राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के कृषि विज्ञान केंद्र ने बहुत पहले ही वर्षा की चेतावनी दी हुई थी। यदि सरसों उत्पादक किसान मौसम के बारे में अपडेट होते तो इस मौसम की मार से हुए नुकसान से बचा जा सकता था।
अपडेट करने के लिए बनेगा प्लेटफार्म
डा. राजेंद्र सिंह ने बताया कि हरियाणा विज्ञान मंच किसानों को मौसम व खेती की नई तकनीक, फसलों की उन्नत किस्मों, खेती इनपुट की सप्लाई के बारे में निरंतर अपडेट करने के लिए व्यापक प्लेटफार्म का निर्माण करेगा। इसमें खेतिहर म•ादूरों, महिला किसानों व ग्रामीण उद्यमी को एक ही जगह से सारी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी, ताकि लोग नवीनतम अनुसंधान का लाभ उठाकर अपनी आय बढ़ा सके तथा नुकसान को कम कर सकें।