मौत का सिलसिला नहीं थमा तो मजदूरों ने उठाई आवाज
जागरण संवाददाता करनाल जब मजदूरों की मौत का सिलसिला नहीं थमा तो डरकर मजदूरों ने आवाज उठाई। वीरवार को उन्होंने मार्केट कमेटी कार्यालय में प्रदर्शन किया। मामला बढ़ता देख तहसीलदार मनोज कुमार मौके पर पहुंचे।
जागरण संवाददाता करनाल
जब मजदूरों की मौत का सिलसिला नहीं थमा तो डरकर मजदूरों ने आवाज उठाई। वीरवार को उन्होंने मार्केट कमेटी कार्यालय में प्रदर्शन किया। मामला बढ़ता देख तहसीलदार मनोज कुमार मौके पर पहुंचे। मजदूरों ने जब उन्हें मंडी के हालात की जानकारी दी तो पता लगा कि यहां के हालात कितने खराब हैं। इसके बाद मंडी बोर्ड के अधिकारी मौके पर पहुंचे। लेकिन वहां के हालात देख उल्टे पांव लौट गए। मजूदरों का आरोप है कि उनकी ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। मंडी में साफ-सफाई और शुद्ध पानी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी मंडी बोर्ड की है। बोर्ड की ओर से मंडी की साफ सफाई का ठेका दिया जाता है। इसके साथ ही साफ पानी के लिए यहां आठ नलकूप हैं, लेकिन कभी देखा नहीं गया कि नलकूप का पानी साफ है या नहीं। इसी तरह से साफ-सफाई पहुंच वाले ठेकेदार को दी जाती है। वह पैसा तो लेता है,लेकिन सफाई की ओर ध्यान नहीं देता। सीजन में मंडी में शायद ही कभी साफ सफाई होती है। सीजन पर हर साल 15 हजार मजदूर आते हैं
हर साल सीजन शुरू होने से पहले 15 से 18 हजार मजदूर काम के लिए आते हैं। इसमें उनका परिवार भी शामिल रहता है। ये लोग दिन-रात काम करते हैं। इसके पीछे यही सोच होती है कि ज्यादा पैसा कमा लिया जाए। समय और पैसा बचाने के लिए ये लोग मंडी में ही रहते हैं। खुले आसमान के नीचे और जमीन पर कटती है रात
यह मजदूर कितने विपरीत हालात में काम करते हैं, इसका अंदाजा इसी से लग सकता है कि यहां इन्हें सुविधा मिलना तो दूर, सिर पर छत तक नहीं मिलती। बरामदों और खुले आसमान के नीचे ही गुजारा करते हैं। यहां इनके काम के घंटे तय नहीं होते। मजदूरी काम के हिसाब से मिलती है। मजदूरों को मिलने वाली एक भी सुविधा इन्हें नही मिलती।